प्रयागराज : शास्त्रों में बताया गया है कि सूर्य जब तक गुरू की राशि मीन अथवा धनु में होता है. तब तक का समय खरमास कहलाता है. यही कारण है कि इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य और नई शुरुआत नहीं की जाती है. ऐसे में 26 दिसंबर को लूकरगंज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किए गए भूमि पूजन को लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं.
क्यों उठ रहे सवाल
ज्योतिषाचार्य शिप्रा सचदेव के अनुसार कि इस खरमास के महीने में सूर्य की चाल धीमी हो जाती है, जिसके चलते कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता. ऐसे में किसी भी तरह का मांगलिक कार्य ना करें. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि शुभ कार्य किया जा सकता है, लेकिन ये वहीं व्यक्ति कर सकते हैं. जिस लगन की कुंडली में बृहस्पति देव स्वगृही धनु लगन में होते हैं, तो ऐसे व्यक्तियों के लिए खरमास बाधित नहीं होता है. साथ ही साथ ये भी बताया कि हर चीज सब पर लागू नहीं होती है.
इस जमीन का किया था भूमि पूजन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफिया और बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद से मुक्त कराई गई जमीन का 26 दिसंबर को भूमि पूजन किया था. इस जमीन पर गरीबों के लिए 76 फ्लैट बनेंगे. माफिया अतीक अहमद से मुक्त कराई गई नजूल की करीब 1731 वर्ग मीटर की जमीन पर 4 मंजिला इमारत बनाई जाएगी. करीब 458.88 लाख की लागत से 76 फ्लैट बनेंगे. इस बिल्डिंग में स्टिल पार्किंग, कम्यूनिटी हॉल होगा.
यह बिल्डिंग पूरी तरह से ग्रीन बिल्डिंग होगी. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक फ्लैट की लागत करीब 6 लाख रुपये आएगी. इसमें से डेढ़ लाख भारत सरकार अनुदान देगी. इसमें एक लाख का अनुदान राज्य सरकार देगी. शेष 3.50 लाख योजना के लाभार्थी को देना होगा.
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अब सवाल यह उठ रहा है कि सीएम योगी ने जो भूमि पूजन का कार्य किया है. वह खरमास में किया है. मान्यता है कि खरमास माह में किए गए शुभ कार्य कभी फलित नहीं होते हैं.