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CBSE Result 2022: 12वीं के परिणाम में प्रयागराज रीजनल ऑफिस फिसड्डी

सीबीएसई बोर्ड(CBSE Board) ने शुक्रवार को 10वीं और 12वीं के परिणाम घोषित कर दिए. नतीजे आने के बाद सफलता पाने वाले क्षेत्र में सीबीएसई बोर्ड का प्रयागराज रीजनल ऑफिस सबसे निचली रैंकिग पर रहा.

सीबीएसई 12वीं के परिणाम में प्रयागराज रीजनल ऑफिस पिछड़ा
सीबीएसई 12वीं के परिणाम में प्रयागराज रीजनल ऑफिस पिछड़ा

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Published : Jul 22, 2022, 10:40 PM IST

प्रयागराज :सीबीएसई बोर्ड(CBSE Board) ने शुक्रवार को 10वीं और 12वीं के परिणाम घोषित कर दिए. नतीजे आने के बाद सफलता पाने वाले छात्रो में खुशी का माहौल है, तो वहीं असफल होने वाले छात्रों में मायूसी है. ऐसा ही हाल सीबीएसई के रीजनल दफ्तरों का भी है. सीबीएसई के रीजनल दफ्तरों में बेहतर रैंक और सफलता पाने वाले कार्यालयों में खुशी है, तो फिसड्डी साबित हुए कार्यालय में सन्नाटा देखने को मिल रहा है. कुछ ऐसा ही हाल प्रयागराज के क्षेत्रीय कार्यालय में भी देखने को मिला.

परीक्षाओं के नतीजे घोषित होने के बाद सीबीएसई बोर्ड के प्रयागराज कार्यालय में सन्नाटा दिखा, क्योंकि इस बार 12वीं के नतीजे में प्रयागराज रीजनल ऑफिस का सफलता प्रतिशत सबसे निचले पायदान पर रहा. सीबीएसई बोर्ड के 17 रीजनल सेंटर्स में प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय को 16वां स्थान हासिल हुआ है.

जानकारी देते शिक्षक

CBSE Board के नतीजे घोषित होने के बाद छात्रों की सफलता का प्रतिशत रीजनल कार्यालय के अनुसार त्रिवेंद्रम का 98.83 प्रतिशत के साथ नंबर एक पर रहा. वहीं प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय का रिजल्ट 83.71 प्रतिशत के साथ सबसे निचले पायदान यानि 17वें नंबर पर रहा. प्रयागराज रीजनल ऑफिस के इस निचने रैंकिग को जानने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में सालों से कार्य कर रहे शिक्षकों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. शिक्षकों का कहना है कि इस खराब प्रदर्शन के लिए कोरोना महामारी का समय ही जिम्मेदार है. उनका कहना है जिन क्षेत्रीय कार्यालयों से प्रयागराज की तुलना की जा रही है. उनके मुकाबले तकनीक के क्षेत्र में यहां का इलाका पीछे है.

शिक्षकों का कहना है कि कोरोना काल के दौरान ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छात्र पूरी तरह से क्लास नहीं कर सके. इसका नतीजा रिजल्ट के रूप में सामने आया है. संगम नगरी के टैगोर पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अर्चना तिवारी ने कहा कि ऑनलाइन क्लास के समय बहुत बच्चे ग्रामीण इलाकों में अपने घरों को चले गए थे. जिसमें उत्तर प्रदेश का बड़ा हिस्सा शामिल है. ऐसे में उन बच्चों की पढ़ाई थोड़ी प्रभावित हुई है. इसी वजह से सफलता का प्रतिशत प्रयागराज क्षेत्र का कम हुआ है. हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि इस रीजन के ज्यादातर स्कूलों के बच्चों का अंक प्रतिशत अच्छा आया है.

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