प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट (allahabad high court ) ने प्रदेश के मुख्य सचिव से कहा है कि वह यह सुनिश्चित करें कि राज्य के सभी सरकारी विभाग और एजेंसियां चयन और नियुक्ति नियमावली के अनुसार यह तय करें कि किसी भर्ती के लिए निर्धारित योग्यता में कौन सी समकक्ष योग्यताएं हैं. इनकी अर्हता रखने वाले अभ्यर्थियों को चयन में शामिल किया जाएगा या नहीं.
कोर्ट (court )ने यह भी कहा है कि यह चयन प्रक्रिया शुरू करने से पूर्व ही तय कर लिया जाए. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने लोक सेवा आयोग से भी कहा है कि वह सुनिश्चित करें कि नियुक्ति के नियम अर्हता तय करने में समकक्ष या उच्च योग्यता को शामिल करते हैं या नहीं. कोर्ट ने इस आदेश के अनुपालन के संबंध में मुख्य सचिव और लोक सेवा आयोग के सचिव से एक माह में हलफनामा भी मांगा है.
कोर्ट ने आयोग की सहायक समीक्षा अधिकारी (Assistant Review Officer)और समीक्षा अधिकारी परीक्षा में निर्धारित योग्यता ओ लेवल, कंप्यूटर सर्टिफिकेट के समकक्ष योग्यता या उच्च योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को चयन प्रक्रिया में शामिल करने की मांग अस्वीकार कर दी है.यह आदेश आदेश न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने विकास व 80 अन्य सहित दर्जनों याचिकाओं पर दिया है.
कोर्ट का कहना है कि अहर्ता तय करना चयन नीति का हिस्सा है. जिसका अधिकार सिर्फ नियोक्ता को ही है. नियोक्ता कार्य की प्रकृति और आवश्यकताओं को समझते हुए यह तय करता है कि उसे किस प्रकार की योग्यता के अभ्यर्थियों का चयन करना है. अदालत का काम सिर्फ यह देखना है कि जो योग्यता तय की गई है, वह विभेदकारी, मनमानी या औचित्यहीन तो नहीं है. कोर्ट ने कहा कि किसी विभाग में नियुक्ति के मामले में निर्धारित अहर्ता के समकक्ष योग्यता रखने वालों पर तभी विचार किया जा सकता है जब उस विभाग के भर्ती नियम में ऐसा प्रावधान हो कि समकक्ष योग्यता रखने वाले अभ्यर्थियों को अवसर दिया जाएगा. यह चयन प्रक्रिया प्रारंभ करने से पूर्व ही तय कर लिया जाना चाहिए.
कोर्ट का कहना है कि अर्हता तय करना चयन करने वाली एजेंसी का काम नहीं है, बल्कि यह नियोक्ता का कार्य है.कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के तमाम विभागों द्वारा इसका पालन नहीं किया जा रहा है.