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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्वाचन के खिलाफ याचिका पर हंडिया विधायक को जारी किया नोटिस

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हंडिया विधानसभा सीट से विजयी विधायक हाकिम लाल बिंद को उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर नोटिस जारी किया है. वहीं, हाईकोर्ट ने नोएडा के चार हजार करोड़ रुपये के बाइक बोट घोटाले में आरोपी आदेश भाटी की जमानत अर्जी पर ईओडब्ल्यू से आपराधिक इतिहास की जानकारी मांगी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
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Published : Jun 5, 2022, 12:04 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हंडिया विधानसभा सीट से विजयी विधायक हाकिम लाल बिंद को उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका पर नोटिस जारी किया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने बीते विधानसभा चुनाव में हाकिम लाल बिंद के प्रतिद्वंद्वी रहे अजीत कुमार सिंह की चुनाव याचिका पर दिया है.

अजीत कुमार सिंह ने चुनाव दाखिल कर हाकिम लाल बिंद का निर्वाचन रद्द करने और नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है. कोर्ट ने हाकिम लाल बिंद को नोटिस जारी कर अगली तिथि पर आपत्ति दाखिल करने का निर्देश दिया है. चुनाव याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष गोयल और विजय सिंह ने पक्ष रखा. याचिका में मार्च 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए हंडिया विधानसभा का चुनाव रद्द कर नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की गई है. याचिका पर जुलाई में सुनवाई होगी.

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बाइक बोट घोटाले में आपराधिक इतिहास की मांगी जानकारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा के चार हजार करोड़ रुपये के बाइक बोट घोटाले में आरोपी आदेश भाटी की जमानत अर्जी पर ईओडब्ल्यू से आपराधिक इतिहास की जानकारी मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक वर्मा ने दिया. साथ ही सुनवाई के लिए आठ अगस्त की तारीख तय की है.

बुलंदशहर कोतवाली में शैलेंद्र की ओर से दर्ज कराए गए मामले के तथ्यों के अनुसार गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स ने सस्ते में बाइक खरीद की स्कीम निकाली. इसके तहत एक आईडी पर 62100 रुपये में बाइक देने की घोषणा की गई. इसके लिए निवेशक को 12 माह तक 9765 रुपये माहवार किश्त जमा करना था. स्कीम के तहत निवेशकों ने पैसा जमा करना शुरू किया. आरोप है कि पैसा जमा होने पर कंपनी के लोग पैसा लेकर भाग गए. दबाव पड़ने पर निवेशकों को चेक दिए गए. लेकिन, वे डिसऑनर हो गए. परेशान निवेशकों की ओर से कम्पनी वालों के खिलाफ सात राज्यों में 106 मुकदमे दर्ज हुए और 1015 बाइक सीज की गईं. बाद में मुकदमे की जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई.

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