प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि पुलिस भर्ती बोर्ड शारीरिक मानक सत्यापन टेस्ट पर जताई गई आपत्ति पर दोबारा टेस्ट कराने में विफल रहता है तो हाईकोर्ट को जांच कराने का आदेश देने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस भर्ती नियमावली से स्पष्ट है कि शारीरिक मानक सत्यापन टेस्ट से असंतुष्ट अभ्यर्थी यदि उसी दिन आपत्ति करता है तो बोर्ड अपर पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में डॉक्टरों के पैनल से दोबारा टेस्ट करायेगा. यदि ऐसा नहीं किया जाता तो कोर्ट मेडिकल बोर्ड को जांच करने का आदेश दे सकती है.
कोर्ट ने दोबारा जांच का निर्देश देने के हाईकोर्ट के अधिकार पर उठायी गयी सरकार की आपत्ति को खारिज कर दिया और सीएमओ गोरखपुर की शारीरिक मानक सत्यापन जांच रिपोर्ट के आधार पर याचियों को चयन के अगले स्टेज में शामिल करने और मेरिट में आने पर चयनित करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति आरएन तिलहरी ने जितेन्द्र कुमार सिंह और 7 अन्य लोगों की याचिका पर दिया है.
जांच के लिए नहीं पहुंचा एक याची
8 याचियों में से एक याची दोबारा जांच के लिए नहीं आया, जिस कारण उसकी याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी थी. बाकी 7 याचियों को अगले स्टेज में शामिल करने का निर्देश दिया गया है. याचिका पर अधिवक्ता आदर्श सिंह व अजीत कुमार सिंह ने बहस की थी.