प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव को आदेश दिया है कि वह सभी विभागों, निगमों, प्राधिकरणों को निर्देशित करें कि उनके द्वारा नियुक्त वकील अदालत में सुनवाई के समय बहस के लिए स्वयं मौजूद रहें. वह अपने जूनियर, सहयोगी या मित्र को पक्ष रखने के लिए न भेजें. कोर्ट ने कहा कि अक्सर देखा जा रहा है कि विभागों, निगमों, प्राधिकरणों, विश्वविद्यालयों के नियुक्त वकील कोर्ट में स्वयं न आकर दूसरे को ब्रीफ देकर भेजते हैं, जो सही नहीं है.
कोर्ट ने सहारनपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष से कहा कि वह बताएं कि उन्होंने सत्यम सिंह को अपना वकील नियुक्त किया है या उन्हें अपना जूनियर, सहयोगी या मित्र को भेजने के लिए अधिकृत किया है.
कोर्ट ने प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन उ. प्र. लखनऊ को अवैध निर्माण ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ पिछले सात साल से लंबित याची की पुनरीक्षण अर्जी को दो माह में निर्णित करने का भी निर्देश दिया है. तब तक याची के निर्माण के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है. याचिका की अगली सुनवाई सितंबर के आखिरी हफ्ते में होगी. उस दिन कोर्ट ने कृत कार्यवाही की जानकारी मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने गौरव जैन की याचिका पर दिया.