प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी बार काउंसिल के सदस्य व पूर्व अध्यक्ष अखिलेश कुमार अवस्थी को फोन पर धमकी देने और सामाजिक तौर पर उन्हें अपमानित करने के लिए फोन कॉल को रिकार्ड करके ऑडियो क्लिप वायरल करने के आरोप में सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ के पूर्व महामंत्री बृजेश कुमार यादव का अधिवक्ता पंजीकरण लाइसेंस निलंबित करने का आदेश रद्द कर दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय एवं न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ के पूर्व महामंत्री बृजेश कुमार यादव की याचिका स्वीकार करते हुए दिया है. याचिका में कहा गया कि याची को सुनवाई का कोई अवसर दिए बिना लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. याची के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू की गई है और इस कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान उसका वकालत का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है.
गौरतलब है कि अध्यक्ष पांचूराम मौर्य की अध्यक्षता में गत 21 मई को हुई यूपी बार कौंसिल की वर्चुअल बैठक में प्रस्ताव पारित कर कहा गया था कि बृजेश कुमार यादव ने यूपी बार कौंसिल सदस्य व पूर्व अध्यक्ष अखिलेश कुमार अवस्थी के विरुद्ध अभद्र भाषा व अपशब्दों का प्रयोग किया है और यूपी बार काउंसिल को अपमानित किया है, जिससे सभी सदस्यों की गरिमा व प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है.
इस संबंध में सह अध्यक्ष प्रदीप कुमार सिंह के प्रस्ताव पर वर्चुअल बैठक में सर्वसम्मति से सेंट्रल बार एसोसिएशन लखनऊ के पूर्व महामंत्री बृजेश कुमार यादव का अधिवक्ता पंजीकरण प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया गया. साथ ही प्रकरण अग्रिम जांच व यथाशीघ्र निस्तारण के लिए सदस्य व पूर्व अध्यक्ष बलवंत सिंह व सह अध्यक्ष अनुराग पांडेय की अनुशासन समिति को संदर्भित किया गया था.
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