प्रतापगढ़: जिले में एक ग्यारह वर्षीय लड़का कच्ची दीवार के नीचे दबने के कारण घायल हो गया था. मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर के ऊपर लापरवाही का आरोप लगाया है.
जानकारी देते पिता मुन्ना कुमार पुष्पाकर प्रतापगढ़ जिले के मांधाता थाना क्षेत्र के सराय मुरार सिंह गांव में कच्ची दीवार गिर गयी. इसके नीचे दबकर एक ग्यारह साल का लड़का घायल हो गया. इस घायल बच्चे को बाइक से लेकर परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंचे. यहां पर इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई. बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया.
बच्चे के पिता मुन्ना कुमार पुष्पाकर ने बताया कि सुबह 9 बजे दीवार बच्चे के ऊपर गिर गयी थी. दीवार कच्ची थी. बच्चा वहां खेल रहा था, तभी ये हादसा हुआ. घायल बच्चे को लेकर जब परिजन हॉस्पिटल पहुंचे तो डॉक्टरों ने तुरंत ऑक्सीजन लगानी चाही. हॉस्पिटल की लापरवाही और बिजली न होने के कारण ऑक्सीजन मशीन नहीं चली और उनकी आखों के सामने ही उनके लाडले ने दम तोड़ दिया.
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बच्चे के पिता मुन्ना कुमार पुष्पाकर के पूछने पर डॉक्टर ने उनसे बताया कि लाइट चली गई थी, इसलिए ऑक्सीजन नहीं दे पाए. परिजनों का आरोप है कि अगर में अस्पताल में ऑक्सीजन देने की कोई दूसरा व्यवस्था होती तो उनके बेटे की जान बच सकती थी. बिजली जाने के बाद उनका बेटा करीब 25 मिनट तक जीवित रहा था. वहीं डॉक्टर को उसके हाथ की नस नहीं मिल रही थी तो उसने मांस में सुई लगा दी.
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परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही की वजह से बच्चे की मौत हुई. बच्चे के पिता मुन्ना कुमार पुष्पाकर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में उनका बच्चा तड़पता रहा लेकिन सही इलाज नहीं किया गया. इस मामले में प्रतापगढ़ मेडिकल कालेज के प्राचार्य आर्य देश दीपक सिंह ने कहा कि मरीज की मौत के बाद सभी परिजन डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हैं लेकिन यह सिद्ध नहीं हो पाता है. ऐसे में हम लापरवाही का आरोप गलत मानते हैं.