पीलीभीत: उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला वैसे तो गोमती उद्गम स्थल के लिए देश भर में प्रसिद्ध है. लखनऊ की गोमती नदी पीलीभीत के माधोटांडा थाना क्षेत्र से ही निकली है. जिले के अंतर्गत आने वाली बरखेड़ा विधानसभा का एक अलग ही दिलचस्प अंदाज है, यहां विधानसभा पर भले ही अपनी कोई तहसील न हो, लेकिन यहां की जनता जिले भर की अन्य तहसीलों के चक्कर लगाती है.
शहर विधानसभा की सीट का भूगोल
उत्तर प्रदेश की 128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट की बात करें, तो इस सीट का अपना ही एक भौगोलिक इतिहास है. बरखेड़ा विधानसभा पर भले ही अपनी कोई तहसील न हो, लेकिन यहां तहसील का मुद्दा बीते कई दशकों से जनता के बीच मौजूद है. हर बार विधायक यहां तहसील बनवाने का दावा करते हैं, और जनता के वोट को लेकर विधायक बन जाते हैं, पर लंबे समय से जनता के लिए तहसील की मांग यहां की प्रमुख समस्या है. वर्तमान स्थिति की बात करें तो बीजेपी के टिकट पर किशन लाल राजपूत यहां के मौजूदा विधायक हैं.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
उत्तर प्रदेश की 128 बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर भारतीय जनसंघ के टिकट पर किशनलाल पहली बार विधायक बने थे. 1967 से लेकर 1980 तक किशनलाल ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाए रखा. 1980 में हुए चुनाव के दौरान इंडियन नेशनल कांग्रेस के टिकट पर बाबूराम यहां के विधायक चुने गए, जिसके बाद एक बार फिर 1985 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े किशनलाल को विधायक बना कर जनता ने विधानसभा भेजने का काम किया.
1989 में हुए चुनाव के दौरान निर्दलीय उम्मीदवार सन्नूलाल बरखेड़ा विधानसभा सीट का विधायक चुना गया. 1991 में हुए चुनाव के दौरान किशनलाल को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधायक चुन लिया गया. सन 1996 में हुए चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार पीतम राम को जनता ने अपना विधायक बनाया, पीतम राम सपा के टिकट पर 2007 के चुनाव से पहले तक इस सीट पर काबिज रहे.
भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार सुखलाल को 2007 में जनता ने अपना नेता चुन कर विधायक बनाया. 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता और सरकार के दौर में राज्य मंत्री रहे हेमराज वर्मा इसी सीट से विधायक बन विधानसभा पहुंचे और अखिलेश के करीबी होने का लाभ उठाकर हेमराज वर्मा राज्य मंत्री भी बने. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार किशन लाल राजपूत ने हेमराज वर्मा को करारी मात देकर बरखेड़ा विधानसभा की सीट पर कब्जा जमा लिया.
2012 के चुनाव से पहले आरक्षित सीट थी बरखेड़ा विधानसभा
पीलीभीत जिले की बरखेड़ा विधानसभा सीट 2012 के चुनाव से पहले आरक्षित सीट हुआ करती थी, पर 2012 में आए परिसीमन के बाद यह सीट सामान्य घोषित कर दी गई और 2012 के परिसीमन के बाद सपा के नेता हेमराज वर्मा यहां पहली बार लोध किसान जाति के विधायक बने. 2017 के चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार और लोध राजपूत जाति से आने वाले किशन लाल राजपूत को जनता ने अपना विधायक बनाया.
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