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सूखी नहरों की हो रही सफाई, अन्नदाता कैसे करें फसल की सिंचाई

यूपी के पीलीभीत जिले में किसानों को अपनी फसल की सिंचाई करने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिले की नहरों की पिछले दो महीने से सफाई चल रही है, जिसकी वजह से किसानों को पानी नहीं मिल पा रहा है.

पीलीभीत में नहरों की सफाई.
पीलीभीत में नहरों की सफाई.

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Published : Dec 12, 2020, 9:26 AM IST

पीलीभीतःदेश का अन्नदाता एमएसपी बिल को लेकर बेहद परेशान है, जिसको लेकर दिल्ली में अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पीलीभीत के आधे ज्यादा किसान बिल के विरोध में दिल्ली कूच कर गए हैं. वहीं जिले के किसान अपनी गेहूं और गन्ने की फसल में सिंचाई को लेकर बेहद परेशान हैं. नहरों में पानी ना मिलने की वजह से किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है.

पीलीभीत में सूखी नहरों की सफाई.
दो महीनों से चल रहा सिल्ट सफाई का कामपीलीभीत में पिछले 2 माह से जनपद की नहरों में सिल्ट सफाई के नाम पर सूखी पड़ी हुई है. जिसकी वजह से किसानों को गेहूं और गन्ने की सिंचाई के लिए पानी की दिक्कत हो रही है. फसलों की सिंचाई के लिए सिर्फ नहरें ही एकमात्र साधन है. नलकूपों की संख्या नाम मात्र होने और पंपिंग सेट से सिंचाई किसानों को काफी महंगी पड़ रही है.

जनपद में 1000 किलोमीटर में हैं नहर
जनपद पीलीभीत में सिंचाई के लिए नहरों और माइनरों का जाल बिछा हुआ है, जिसकी लंबाई 1000 किलोमीटर है. हर साल 15 अक्टूबर से नेहरू की सिल्ट सफाई शुरू होती है. लेकिन इस बार अभी तक नहरो की सफाई नहीं हो पाई है, जिससे किसान खासा परेशान है. जिसकी वजह से खेत तक पानी पहुंचाने के लिए काफी पैसा खर्च करना पड़ता है.

विपक्ष ने साधा निशाना
जनपद में नहरों की सिल्ट सफाई से परेशान हो रहे अन्नदाता किसान के समर्थन में विपक्ष के पूर्व राज्य मंत्री हेमराज वर्मा उतर चुके हैं. पूर्व राज्य मंत्री हेमराज वर्मा ने कहा कि जब किसान को पानी की जरूरत है तब सिल्ट सफाई का बहाना बनाया जा रहा है. जब किसान अपनी फसल की सिंचाई कर चुका होगा तब विभाग द्वारा फसल को बर्बाद करने के लिए पानी दिया जाएगा.

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