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मुजफ्फरनगर: भाकियू कार्यकर्ताओं ने धरना स्थल पर लहरायी तलवारें, पुलिस प्रशासन में मचा हड़कंप - muzaffarnagar

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में स्कूली वाहनों को लेकर शासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन के विरोध में भाकियू कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को भी कलेक्ट्रेट में अपना धरना जारी रखा. कार्यकर्ताओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कलेक्ट्रेट पहुंचने वाले रास्तों पर बैरियर लगा दिया है.

भाकियू कार्यकर्ताओं ने धरना स्थल पर लहरायी तलवारें.

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Published : Aug 30, 2019, 11:19 PM IST

मुजफ्फरनगरः जिले में किसान यूनियन द्वारा जारी में धरने में शुक्रवार को दूसरे दिन बड़ी संख्या में किसान धरना स्थल पर पहुंचने लगे. जिस पर पुलिस प्रशासन ने किसानों को कचहरी परिसर के गेट पर बैरियर लगाकर रोकने का प्रयास किया. लेकिन किसान रुके नहीं और बैरियर को ही अपने साथ उठाकर ले गए. धरना स्थल पर किसानों ने नारेबाजी के बीच तलवारें भी लहरायी. जिसे देखकर अधिकारियों में हड़कंप मच गया.

भाकियू कार्यकर्ताओं ने धरना स्थल पर लहरायी तलवारें.


दो दिन से जारी है धरना
बतादें कि गुरुवार को भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के नेतृत्व में सैकड़ों किसान और अभिभावक छात्रों के साथ जिलाधिकारी से मिलने के लिए पहुंचे थे. डीएम ने भाकियू कार्यकर्ताओं से मिलने से इंकार कर दिया था. राकेश टिकैत ने जब खुद अंदर जाने का प्रयास किया तो पुलिस ने उन्हें भी डीएम आफिस में जाने से रोक दिया था. जिसके बाद गुरुवार को ही भाकियू कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. किसानों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन वार्ता न कर किसानों की आवाज को दबाने का काम कर रहा है.

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मानवाधिकार आयोग में बात रख रहे हैं किसान
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी प्रशासन के अधिकारियों ने बात करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया है. अभी तो उनका यही बयान आ रहा है कि सख्त कार्रवाई करेंगे. टिकैट का कहना है कि जब तक उनकी अधिकारियों से वार्ता नहीं होगी उनका धरना समाप्त नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से कल बच्चों के साथ व्यवहार किया गया उसे लेकर हम मानवाधिकार आयोग में भी अपनी बात रख रहे हैं. स्कूल जाने वाले बच्चों की समस्या है. बसों का संचालन बंद होने से ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा किसानों के गन्ने के भुगतान, बिजली बिल भुगतान आदि के मामले हैं, इस पर भी कोई अधिकारी बात करने को तैयार नहीं हैं.

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