मुजफ्फरनगरः जिले में पुलिस व ड्रग्स विभाग की टीम ने शेरपुर गांव में छापा मारा तो दंग रह गई. यहां ग्राम प्रधान के भाई के घर एक्सपायरी दवाइयों का जखीरा मिला. दवा ले जा रहे आरोपी मौके से फरार हो गए. माना जा रहा है कि दवाओं की कीमत एक करोड़ रुपये तक भी हो सकती है.
मुजफ्फरनगर में सिटी मजिस्ट्रेट अभिषेक कुमार सिंह व ड्रग्स विभाग की टीम ने शनिवार को मुखबिर की सूचना पर मंडी कोतवाली क्षेत्र के शेरपुर गांव में छापा मारा. सिटी मजिस्ट्रेट और ड्रग्स विभाग की टीम, पुलिस फोर्स के साथ खोजबीन में जुट गई. जांच टीम तब दंग रह गई, जब नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान इकराम के छोटे भाई ईनाम के घर छापेमारी की. यहां तीन मंजिला मकान के अंदर से सैंपल व बिना सैंपल की एक्सपायरी दवाइयों का जखीरा मिला.
बरामद दवाओं की कीमत लगभग 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये आंकी जा रही है. सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि नवनिर्वाचित प्रधान इकराम के बारे में भी जानकारी कि जा रही है कि इसकी भी संलिप्तता दवाइयों के व्यापार में तो नहीं थी. इस दौरान आरोपी ईनाम मौके से फरार हो गया.
इस मामले में सिटी मजिस्ट्रेट व ड्रग्स इंस्पेक्टर ने बताया कि मौके से बड़ी मात्रा में सैंपल व बिना सैंपल की एक्सपाइरी दवाइयों का जखीरा बरामद हुआ है. इसकी काउंटिंग की जा रही है. दवाइयों के बारे में पूरी जानकारी करने के लिए सहारनपुर ओर मेरठ से टीम बुलाई गई है. यह टीमें इसका पूरा ब्योरा देंगी. इन दवाइयों की बाजार में कीमत लगभग 50 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये होने की संभावना है. बताया जा रहा है कि ये लोग यहां पर इन एक्सपायरी दवाइयों की डेट मिटाकर, उन्हें रीप्रिंट कर मार्किट में बेचने का काम करते थे.
इसे भी पढ़ेंः बचा लीजिए एसएसपी साहब, मां-बाप मुझे जान से मार डालेंगे
फिलहाल टीम यह भी पता लगाने की कोशिश में जुट गई है कि कहीं इसमें कोरोना की दवाइयां तो नहीं है या कहीं कोरोना काल में इन दवाइयों को बाजार में सप्लाई तो नहीं किया गया है. वहीं ये भी पता लगा है कि आरोपी इनाम 10 साल से ये दवाइयों का धंधा कर रहा है. ड्रग्स इंस्पेक्टर ने बताया कि आरोपी के पास ड्रग्स लाइसेंस भी नहीं है और ना ही ये कोई क्लीनिक चलाता है. वहीं, शनिवार की शाम शेरपुर गांव में पुलिस की छापेमारी को देख ग्रामीणों में हड़कंप मचा रहा. मौके पर भारी भीड़ एकत्रित हो गई.