मुजफ्फरनगर: जिले के चौधरी चरण सिंह स्पोर्ट्स स्टेडियम के क्रिकेट खिलाड़ियों द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय पर अपने उत्पीड़न को लेकर जोरदार धरना प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि सीनियर विंग्स के खिलाड़ी उनके साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं. साथ ही स्टेडियम में खेलने के लिए भी रोका जा रहा है. वह लोग उनके साथ गालीगलौज एवं अभद्र शब्दों का भी प्रयोग करते हैं. इसलिए हम मांग करते हैं कि जल्द ही इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए, जिससे की भविष्य में कोई भी खिलाड़ियों का मानसिक उत्पीड़न न कर सके. वहीं जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने खिलाड़ियों की बात सुनकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
खिलाड़ियों ने लगाया आरोप
क्रिकेट प्लेयर आस्था वर्मा का कहना है की स्टेडियम में हमसे जबरदस्ती कोचिंग कराई जा रही है. हमारा मानसिक रूप से उत्पीड़न किया जा रहा है. हमें कहा जा रहा है कि हमारे साथ प्रैक्टिस करोगे तो ठीक है नहीं तो नहीं. हमारे सभी सीनियर और कर्मचारी हैं. हम चाहते हैं कि हमें अलग नेट दिया जाये, लेकिन हमें कोई भी प्रैक्टिस नहीं करने दे रहा है. हमारे नेट को क्षतिग्रस्त किया गया है. हमारे नेट में शाम को पानी डाल दिया जाता है. सुबह प्रैक्टिस नहीं कर पाते. हमारा नेट गीला रहता है. उनका व्यवहार बहुत गन्दा है.
मुजफ्फरनगर: स्टेडियम की बालिका खिलाड़ियों ने किया प्रदर्शन, लगाए गंभीर आरोप
यूपी के मुजफ्फरनगर में सोमवार को चौधरी चरण सिंह स्टेडियम की बालिका खिलाड़ियों ने सड़कों पर उतरकर जमकर प्रदर्शन किया. खिलाड़ियों ने डीएम को प्रार्थना पत्र देकर स्टेडियम कर्मचारियों और वरिष्ठ खिलाड़ियों द्वारा उत्पीड़न किए जाने का आरोप लगाया है.
क्रिकेट प्लेयर शरूर जैदी का कहना है कि यह मामला चौधरी चरण सिंह स्टेडियम का है. स्टेडियम में क्रिकेट कोच का कोई मामला चल रहा है, जिस कारण स्टेडियम में कोई कोच नहीं आ सकते हैं. कोई सीनियर है, उनको बोला गया है. BCCI की ओर से उनके पास कोई लेटर भी नहीं है. हम उनके साथ में प्रैक्टिस नहीं करना चाहते हैं. उनका कहना है कि अगर हमारे साथ प्रैक्टिस करनी है, तो करो वरना यहां से दफा हो जाओ.
क्रीड़ा अधिकारी ने दी जानकारी
वहीं इस मामले में क्रीड़ा अधिकारी हरफूल सिंह का कहना है कि यह मामला पंजीकरण का है. इस साल ये बच्चे पंजीकरण नहीं करना चाहते हैं, लेकिन खेल के लिए स्टेडियम को प्रयोग करना चाहते हैं. ऐसा कुछ नहीं है हमारे कर्मचारियों द्वारा कोई उत्पीड़न नहीं किया जाता है. रही बात नेट पर पानी डालने की बात, नेट पर पानी लगाया जाता है. उसका मेंटिनेंस किया जाता है. नेट को क्षतिग्रस्त करने का मामला मेरे संज्ञान में नहीं है.