मुजफ्फरनगर:कचहरी परिसर स्थित जिलाधिकारी कार्यलय पर गुरुवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. जिलाध्यक्ष अरविंद बालियान के नेतृत्व में दर्जनों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान सभी ने मुजफ्फरनगर से भाजपा के राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल की बर्खास्तगी की मांग की.
राज्य मंत्री ने कराई प्रदेश सरकार की किरकिरी
प्रदेश में इन दिनों सरकार की राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल की मोबाइल कंपनी के नाम पर फ्रॉड करने के मामले में किरकिरी हो रही है. मोबाइल कंपनी के प्रचार का ठेका राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल के भाई ने लिया. इसमें कपिल देव ने सरकार की जमकर किरकिरी कराई. मोबाइल लॉन्चिंग के दौरान मोबाइल के प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फोटो लगाया गया. इस मामले में पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद लखनऊ के हजरतगंज थाने में राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल के भाई ललित अग्रवाल के साथ छह व्यक्तियों पर मुकदमा दर्ज किया गया.
आप पार्टी ने हटाने की मांग की
गुरुवार को आप कार्यकर्ताओं ने सिटी मजिस्ट्रट अभिषेक सिंह को राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा. आप कार्यकर्ताओं ने कहा कि मुजफ्फरनगर के सदर विधायक कपिल देव अग्रवाल की एडवरटाइजिंग कंपनी ने प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के फोटो एक निजी कंपनी के होर्डिंग पर लगवाकर संवैधानिक पदों की गरिमा को समाप्त किया है. उन्होंने कहा कि एक निजी कंपनी के प्रचार के लिए संवैधानिक पदों पर बैठे लोग कैसे विज्ञापन कर सकते हैं.
आम आदमी पार्टी ने की राज्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग
यूपी के मुजफ्फरनगर में गुरुवार को आम आदमी पार्टी ने बीजेपी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इसके साथ ही आप कार्यकर्ताओं ने भाजपा के राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल की बर्खास्तगी की मांग की.
करोड़ों की हेराफेरी का आरोप
आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल के माध्यम से करोड़ों की हेरा फेरी हुई है. हमारी पार्टी के लोग इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इस सरकार में लोकतांत्रिक विचारों का हनन हो रहा है. इससे संविधान खतरे में जाता दिखाई दे रहा है. इसलिए हम चाहते हैं कि इस घोटाले में जिन लोगो के खिलाफ कार्रवाई की गई है उन लोगों को गिरफ्तार किया जाए. इसके साथ ही राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल को बर्खास्त किया जाए.