चंदौली: एक बार फिर न्यायपालिका ने अपनी श्रेष्ठता साबित की है. अकोड़वा कला निवासी किशोरी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत मामले का संज्ञान लेते हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मुकदमा दर्ज किये जाने का आदेश दिया है. कोर्ट के इस आदेश के बाद एक ओर जहां परिवार को न्याय की उम्मीद बंधी है. वहीं दूसरी तरफ पुलिस की मंशा और जांच पर सवाल भी खड़े किए हैं. फिलहाल पुलिस चकिया ब्लॉक के प्रमुख रहे शिवेंद्र सिंह समेत दो के खिलाफ नामजद और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्जकर जांच में जुटी है.
पूर्व ब्लॉक प्रमुख शिवेंद्र सिंह सहित दो लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मुकदमा दर्ज दरअसल 12 जून को बबुरी थाना क्षेत्र के अकोड़वा निवासी किशोरी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. घटना के परिजनों ने स्थानीय पुलिस को बिना सूचित किये उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया. धीरे धीरे मामला सार्वजनिक होने के बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया, जिसके बाद किशोरी के परिजनों ने बताया की लड़की सुबह घर से बैंक जाने के लिए निकली. लेकिन रात तक वापस नहीं लौटी, जिसके बाद अचानक सोनभद्र जिले की सुकृत पुलिस ने फोन कर बताया कि किशोरी गंभीर अवस्था में सड़क पर मिली है. उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया. जहां उसकी मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने बगैर पोस्टमार्टम के किशोरी के शव को प्रवाहित कर दिया. इस मामले में पुलिस और चिकित्सकों पर भी आरोप लगे. पुलिस पर हीलाहवाली का आरोप लगा. जबकि सोनभद्र के सरकारी चिकित्सक पर आरोप है कि बगैर पोस्टमार्टम उसने मौत का कारण जहर का सेवन बताया.
पूर्व ब्लॉक प्रमुख शिवेंद्र सिंह सहित दो लोगों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मुकदमा दर्ज घटना के तीन दिन बाद किशोरी के दादा ने आरोप लगाया कि उसकी पोती अजय पाठक के यहां झाडू पोछा करने जाती थी. उस दिन भी वह अजय पाठक के घर ही गई थी. लेकिन वहां से सोनभद्र कैसे पहुंची यह रहस्य है. यह भी बताया कि दोनों आरोपित पूर्व प्रमुख शिवेंद्र सिंह और अजय पाठक अपने वाहन से किशोरी का शव लाने सोनभद्र गए थे. किशोरी के शव पर भूसा लगा था , जिससे साफ था कि उसकी मौत स्वाभावित नहीं थी. आरोप यह भी कि सामूहिक दुष्कर्म के बाद किशोरी को जहर दिया गया था. पीड़ित परिवार ने थाने से लेकर पुलिस के आलाधिकारियों तक गुहार लगाई. लेकिन ऊंचे रसूख और शासन सत्ता की हनक के चलते आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. अंततः मृतका के दादा ने न्यायालय में गुहार लगाई. जिसके बाद पॉक्सो कानून के तहत गठित विशेष न्यायालय के आदेश पर बबुरी थाने में पूर्व प्रमुख शिवेंद्र सिंह , अजय पाठक और एक अज्ञात के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.बता दें कि आरोपी शिवेंद्र सिंह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष का रिश्तेदार है और भाजपा के कई दिग्गज नेताओं संग उनके अच्छे तालुकात हैं. जो उनके एक सोशल मीडिया अकाउंट पर डाली गई तस्वीरों से पता चलती है. जिसमें वह वह रक्षा मंत्री , डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य , जिले के सांसद महेन्द्र पण्डेय के साथ है. न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया है. लेकिन आगे क्या कार्रवाई होगी. इस पर सस्पेंस ही बना हुआ है. अब विवेचना के नाम पर गेंद पुलिस के पाले में है.बबुरी थानाध्यक्ष सत्येंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि किशोरी की मौत के मामले में शिवेंद्र सिंह , अजय पाठक और एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस मामले की विवेचना कर रही है. जांच में दोषी पाए जाने सख्त कार्रवाई की जाएगी.