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चंदौली: कर्मनाशा नदी पर वैकल्पिक पुल का काम तेज, जल्द शुरू होगा आवागमन

चंदौली में कर्मनाशा नदी पर वैकल्पिक पुल का काम तेजी से हो रहा है. पदाधिकारियों का कहना है कि जल्द ही पुल पर आवागमन शुरू हो जाएगा. फिलहाल, पुल का निरीक्षण कई पदाधिकारियों ने किया है.

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कर्मनाशा नदी पर वैकल्पिक मार्ग का काम तेज.

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Published : Jan 11, 2020, 6:01 AM IST

चंदौली:यूपी-बिहार बॉर्डर पर क्षतिग्रस्त कर्मनाशा पुल के दोनों ओर चल रहे वैकल्पिक पुल का कार्य तेज हो गया है, जिसका जायजा लेने चंदौली के डीएम-एसपी के अलावा कैमूर के डीएम-एसपी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया. इसमें एक पुल का काम 70 फीसदी तक पूर्ण कर लिया है, जबकि दूसरे पुल का काम 90 प्रतिशत तक पूरा हो गया है. दोनों जिलों के पदाधिकारियों ने बैठक कर एक सप्ताह के अंदर गाड़ियों के आवागमन शुरू किये जाने की बात कही.

दरअसल, 28 दिसंबर को कर्मनाशा पुल क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसके बाद युद्ध स्तर पर अल्टरनेट पुल निर्माण का काम चल रहा था. गुरुवार की शाम निरीक्षण करने पहुंचे चन्दौली डीएम नवनीत सिंह चहल की माने तो एक तरफ का पुल का काम लगभग पूर्ण हो गया है. यदि मौसम सही रहा तो तीन से चार दिन में पुल से गाड़ियों का आवागमन शुरू कर दिया जाएगा, जबकि दूसरे तरफ चार से पांच दिन बाद आवागमन शुरू कर दिया जाएगा.

कर्मनाशा नदी पर वैकल्पिक मार्ग का काम तेज.

जो पुल बनाया जा रहा है वो सभी भार क्षमता के अनुकूल बनाया जा रहा है. हालांकि, शुरुआती दिनों में कम्युनिकेशन के लिहाज से रात में बिहार की तरफ से गाड़ियां छोड़ी जाएंगी, जबकि दिन में चंदौली की तरफ से गाड़ियों को गुजारा जाएगा. उसके बाद जब दोनों पुल तैयार हो जाएंगे तो सभी वाहनों का आवागमन निर्बाध रूप से चलेगा.

गौरतलब है कि इस पुल के टूटने की बड़ी बजह ओवरलोड गाड़ियां रही हैं, जिसको लेकर दोनों जिलों के आलाधिकारियों की बैठक हुई और ओवरलोड वाहनों को रोकने के लिए कैमूर में टोल प्लाजा पर धर्मकांटा बनाया गया. वहां से गाड़ियों को अनुमन्य भार होने पर ही आगे भेजा जाएगा.

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बता दें कि 400 करोड़ से ज्यादा लागत से इस पुल का निर्माण कराया गया है, जो कि मात्र 10 सालों में ही टूट गया. इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं. पिछले दिनों केंद्रीय टीम ने निरीक्षण के बाद प्रथम दृष्टया निर्माण में अनियमितता और ओवरलोडिंग को प्रमुख वजह बताया था. इसके बाद अब गुजरात के अहमदाबाद से निजी एक्सपर्ट की टीम को बुलाया गया है, जो इस पुल के टूटने की असली वजह की जांच करेंगे और अपनी रिपोर्ट देंगे. बाद में केंद्रीय टीम इसकी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपेगी.

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