चंदौलीः जनपद मादक पदार्थों की तस्करी का ट्रांजिट जोन बन गया है. सीओ सदर अनिल राय के नेतृत्व में अलीनगर पुलिस और स्वाट टीम ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित कफ सिरप के साथ अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है. ये आरोपी फेंसाडिल नामक प्रतिबंधित कफ सिरप की खेप बिहार के रास्ते पश्चिम बंगाल को ले जा रहे थे. जिसका प्रयोग नशे में भी किया जाता है. खास बात यह है कि फिल्मी स्टाइल में नोट के टुकड़ों के जरिए इसकी डील होती थी. फिलहाल पुलिस सिंडिकेट की जांच में शामिल अन्य लोगों की तलाश में जुटी है.
ये हैं पूरा मामला
चंदौली सर्विलांस टीम और अलीनगर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की अंतरराज्यीय तस्करों द्वारा प्रतिबंधित फेंसाडिल कफ सिरप की खेप बिहार के रास्ते बंगाल ले जा रहे हैं. सूचना पर पुलिस ने सक्रियता बढ़ाते हुए अलीनगर थाना क्षेत्र के चकिया चौराहे से एक ट्रक से 150 पेटी, एक कार से 24 पेटी एवं पिकअप से 175 पेटी सिरप बरामद की. जिसकी अनुमानित कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा बतायी जा रही है. इसके साथ ही छह अंतरराज्यीय तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि नशे के सौदागरों का यह गोरखधंधा पिछले तीन सालों से फल-फूल रहा था. गिरफ्तार तस्करों से पुलिस टीम पूछताछ कर अग्रिम कार्रवाई में जुट गई है.
मास्टरमाइंड हैं वाराणसी के
फेंसाडील सिरप की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार होने वाले तस्करों में विकास दुबे आजमगढ़, संतोष प्रतापगढ़, राजन कुमार भारती और नंदू भारद्वाज वाराणसी, रोहित मुगलसराय चंदौली निवासी है. जबकि अब्दुल्ला खान हावड़ा, पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. वाराणसी निवासी राजन और नंदू इस खेल के मास्टरमाइंड हैं. पुलिस की मानें तो अंतरराज्यीय तस्करों ने बताया कि मेडिकल स्टोरों से फर्जी इन्वॉयस बनाकर कंपनी के गोदामों से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से बाहर निकलवाते हैं. जिसे मेडिकल स्टोर पर सप्लाई न कर पूरा माल अपने गोदाम पर इकट्ठा करते थे. भारी मात्रा में कफ सिरप इकट्ठा हो जाने के बाद वह इसे पश्चिम बंगाल में सप्लाई कर देते थे. जिसे वहां के लोग नशे के रूप में प्रयोग करते हैं.
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10 की नोट के जरिए होती थी डील