मुरादाबाद: सरकार ने भले ही देश में लॉकडाउन समाप्त कर अनलॉक-1 लागू कर दिया हो, लेकिन किसानों को कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है. मुरादाबाद जनपद के कुंदरकी क्षेत्र में हजारों बीघा जमीन में टमाटर की खेती करने वाले किसान बदहाली की मार झेल रहे हैं. खेतों में तैयार टमाटर की फसल 1 से 2 रुपये किलो बिक रहा है. जिससे किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है. बाजारों में टमाटर की डिमांड न होने से किसानों ने खेत से टमाटर तोड़वाना छोड़ दिया है. ज्यादार तैयार टमाटर खेत में ही सड़कर खराब हो गए हैं. वहीं अधिकारियों के मुताबिक किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है, लेकिन बाजार में भी इसकी मांग नहीं है, जिसके चलते टमाटर बिक नहीं रहा है.
खेतों में सड़ रहे तैयार टमाटर
जनपद के कुंदरकी और बिलारी क्षेत्र में हर साल किसान तीन हजार बीघा जमीन में टमाटर उगाते हैं. किसानों का यह टमाटर स्थानीय मंडी के अलावा बंगाल, बिहार, पूर्वोत्तर राज्यों तक सप्लाई होता है. कुछ साल पहले तक कुंदरकी के टमाटर की बंग्लादेश और पाकिस्तान में भी अच्छी खासी डिमांड थी. लेकिन अब टमाटर इन देशों को निर्यात नहीं किया जाता है. कोरोना संकट के चलते सरकार द्वारा लागू लॉकडाउन में बाजार और होटल पूरी तरह बंद रहे, जिसके चलते किसान टमाटर को मंडियों तक नहीं भेज सके. अनलॉक-1 में सरकार ने बाजार तो खोल दिए, लेकिन टमाटर किसानों को इससे कोई राहत नहीं मिली. बाजार में डिमांड न होने के चलते टमाटर के दाम 1 से 2 रूपये किलो तक किसानों को मिल रहे हैं. टमाटर की तैयार फसल खेतों में सड़ रही है, जिसके चलते किसान इसको फेंकने पर मजबूर हैं.