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मुरादाबाद: लॉकडाउन से दैनिक मजदूरों को दिक्कत, फूलों की खेती को नुकसान - कोरोना वायरस से किसानों को समस्या

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में लॉकडाउन की घोषणा के बाद गरीबों और मजदूरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जनपद में बड़े पैमाने पर किसान फूलों की खेती कर जीवन यापन करते हैं. लॉकडाउन के चलते मंडी बंद होने से बाजार में फूलों की खपत रुक गई है और किसानों का हर दिन कई कुंतल फूल बर्बाद हो रहा है.

मजदूरों को हो रही परेशानी.
लॉकडाउन से मजदूरों को हो रही परेशानी.

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Published : Mar 26, 2020, 4:12 PM IST

मुरादाबाद: जिले में कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला सामने आने के बाद गुरुवार को लॉकडाउन का तीसरा दिन है. पुलिस प्रशासन द्वारा लोगों को घर में रहने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. साथ ही सड़कों पर घूमने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रहीं है.

लॉकडाउन के चलते जहां कोरोना के असर को रोकने की कवायद की जा रही है, वहीं अब गरीब दैनिक मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है. जनपद में बड़े पैमाने पर फूलों की खेती की जाती है, लेकिन पिछले तीन दिनों से मंडी बंद होने के चलते फूलों की सप्लाई बंद हो गई हैं. खेतों में तैयार गुलाब, गेंदा के फूल ग्राहकों के इंतजार में बर्बाद हो रहें हैं. ऐसे में फूल जमा करने वाले मजदूरों को भी जहां मजदूरी कम मिल रही है, वहीं किसानों को हर रोज भारी नुकसान हो रहा है.

लॉकडाउन से मजदूरों को हो रही परेशानी.

कटघर क्षेत्र में लॉकडाउन के बाद भी कुछ मजदूर खेतों में पहुंचे, लेकिन फूलों की सप्लाई न होने के चलते उन्हें मायूस लौटना पड़ा. मजदूरों के मुताबिक फूल जमा करने के लिए हर रोज बारह से तेरह मजदूर काम करते थे, लेकिन अब सिर्फ तीन मजदूर काम कर रहें है. इन खेतों से हर रोज 80 किलो से एक कुंतल फूल मंडी पहुंचता था. साथ ही गुलाब के फूल दिल्ली तक भेजे जाते थे. मजदूरों के मुताबिक कोरोना के चलते जहां काम नहीं मिल रहा है, वहीं इस मुश्किल वक्त में अब उनकी उम्मीद सरकार से है.

खेतों में काम कर रहे मजदूर.

चैत्र नवरात्र के मौके पर हर रोज फूलों की डिमांड बाजार में बढ़ जाती है, लेकिन लॉकडाउन के बाद आज किसानों के खेतों से फूल जमा नहीं किये गए. खेतों में तैयार फूल कुछ ही घण्टों में खराब होने शुरू हो जाते हैं. ऐसे में कई कुंतल फूल बर्बाद होने के कगार पर हैं. सरकार जरूर पंजिकृत मजदूरों को आर्थिक मदद दे रही है, लेकिन क्या यह सुविधा दैनिक मजदूरों को भी मिलेगी, इसका जबाब फिलहाल किसी के पास नहीं है.

गुलाब के फूल हो रहे बर्बाद.

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