मुरादाबाद: पीतल उत्पादों के जरिए विदेशों से हजारों करोड़ रुपये की मुद्रा लाने वाले इस उद्योग को अमेरिका से बड़ा झटका लगा है. अमेरिका की सबसे बड़ी आयात कम्पनियों में से एक पीयरवन के दिवालिया होने के चलते शहर में निर्यातकों में हड़कम्प मचा हुआ है. दुनिया की सबसे बड़ी आयात कम्पनियों में गिनी जाने वाली पीयरवन के दिवालिया होने के बाद ईसीजीसी ने भी कम्पनी को निर्यात होने वाले उत्पादों के पेमेंट पर बीमा कवर देने से रोक लगा दी है.
अमेरिका की सबसे बड़ी आयात कम्पनी मुश्किलों में. ईसीजीसी से बीमा कवर लेने वाले अट्ठारह निर्यातकों ने पच्चीस करोड़ रुपये के नुकसान होने का दावा किया है. शहर के कई निर्यातकों ने बगैर बीमा कवर के पीयरवन को उत्पाद सप्लाई किए थे. इसके चलते डेढ़ अरब के नुकसान की आशंका जताई जा रही है.
मुरादाबाद से निर्यात होने वाले लगभग साठ फीसदी उत्पाद अमेरिका के ग्राहकों को भेजे जाते हैं. अमेरिका की सबसे बड़ी आयात कम्पनियों में शुमार पीयरवन इम्पोर्ट पूरी दुनिया में अपने स्टोरों के जरिए ग्राहकों तक पीतल उत्पाद पहुंचाने का काम करती है. पिछले कुछ समय से मुश्किलों में घिरी पीयरवन इम्पोर्ट कम्पनी अमेरिका में दिवालिया घोषित हो चुकी है.
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कम्पनी को मुरादाबाद से बड़े पैमाने पर पीतल उत्पाद सप्लाई किए जाते थे. कम्पनी के दिवालिया घोषित होने के बाद शहर के पीतल निर्यातकों में हड़कम्प मचा हुआ है. निर्यातकों को बीमा कवर देने वाली ईसीजीसी अधिकारियों के मुताबिक अब तक अट्ठारह निर्यातक के पच्चीस करोड़ रुपये की पेमेंट फंसने की सूचना दर्ज कर चुके हैं. अधिकारी निर्यातकों को अब पीयरवन कम्पनी को भेजे जाने वाले उत्पादों के पेमेंट पर बीमा कवर नहीं दे रहें है.
विदेशों में निर्यात करने वाले ज्यादा निर्यातक अपने पेमेंट का बीमा कवर ले लेते हैं, लेकिन शहर में ऐसे कई निर्यातक हैं जो बिना पेमेंट बीमा लिए निर्यात करते हैं. शहर के कारोबारियों के मुताबिक कई निर्यातकों ने पीयरवन को बिना पेमेंट बीमा लिए उत्पाद भेजे थे. इनका भुगतान डूब गया है. साथ ही कुछ निर्यातकों ने बीमा कवर की लिमिट से ज्यादा का सामान सप्लाई किया था.
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पीयरवन के दिवालिया घोषित होने के बाद निर्यातक परेशानी में हैं. पेमेंट बीमा लेने वाले निर्यातकों को तो सरकार से बीमा राशि का भुगतान किया जाएगा, लेकिन बिना बीमा लिए कारोबार कर रहे निर्यातकों को कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है. अधिकारी भी निर्यातकों से पीयरवन कम्पनी को उत्पाद न भेजने की अपील कर रहें हैं.