मुरादाबाद: जिले में घटी घटना स्वास्थ्य विभाग के मुहं पर तमाचा तो है ही, कहीं न कहीं मानवता भी शर्मसार हो गई है. जिसका जीता जागता उदहारण जिले के जिला अस्पताल से लेकर अधिकारियों की चौखट तक दिखाई दिया है. जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के दरवाजे पर एक मां अपनी मासूम बेटी की लाश गोदी में लेकर और लाचार अनपढ़ बाप जिला अस्पताल से मिले सादे कागज पर लिखी पर्ची को दिखाकर अपना दुखड़ा रो रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई,जिसके बाद राहगीरों ने उसकी मदद की.
दरअसल कुढ़ फतेहगढ़ निवासी वीरेश की तीन साल की बेटी घर में गिर गई थी. उसके नाक से खून आ रहा था. वीरेश और उसकी पत्नी अपनी तीन साल की लाड़ली मासूम को लेकर मुरादाबाद जिला अस्पताल पहुंचे. वीरेश का आरोप है कि अस्पताल में पहुंचने पर एक घंटे तक बच्ची का इलाज नहीं शुरू किया गया. एक घंटे बाद डॉक्टर ने सादे कागज पर कुछ लिखकर दे दिया और बच्ची को वहां ले जाने को कहा. मां की गोदी में हिचकी लेती बच्ची और लाचार पिता को दुखी देखकर जिला अस्पताल के सामने से गुजर रहे त्रिभुवन नाम के युवक ने एक तरह से सहारा देते हुए जानकारी दी. त्रिभुवन के अनुसार मासूम बच्ची ने उसके सामने ही दम तोड़ दिया. जो त्रिभुवन से देखा नहीं गया और उसने कई बार 108 नम्बर पर फोन किया, लेकिन कोई सुनवाई न हो पायी.