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बाल संरक्षण आयोग का फैसला, बालिका गृह से घर जा सकेंगी संवासिनियां

कानपुर की बालिका संरक्षण गृह में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद बाल संरक्षण आयोग ने इस मामले का संज्ञान लिया है. विभाग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने कहा कि आयोग के निर्णय के बाद परिवार के साथ जाने को तैयार लड़कियों को जल्द घर भेजा जाएगा.

child protection commission
बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष.

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Published : Jun 22, 2020, 11:21 AM IST

मुरादाबाद: कानपुर बालिका गृह में 57 संवासिनियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि से हडकंप मचा हुआ है. कानपुर की घटना का बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया है और मामले को लेकर एक सदस्यीय टीम जांच के लिए भेजने का निर्णय लिया है.

जानकारी देते बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष.

बालिकाओं को संरक्षण गृह से घर भेजने के आदेश
आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने प्रदेश के सभी जनपदों में तैनात बाल संरक्षण समिति के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि ऐसी लड़कियां जो देखभाल के लिए बालिका गृह में रखी गई हो और अपने घर जाना चाहती हैं, उन्हें तुरंत उनके घर वापस भेज दिया जाए. आयोग अध्यक्ष ने साफ किया कि यह सुविधा पॉस्को एक्ट के तहत दर्ज मामलों की पीड़ितों को नहीं दी जाएगी. क्योंकि उनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण है.

चाइल्ड लाइन के जरिए भेजी जाती है लड़कियां
बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने कानपुर की घटना का संज्ञान लिया है साथ ही उन्होंने साफ किया है कि कोरोना पॉजिटिव पाई गई दो गर्भवती किशोरियां चाइल्ड लाइन के जरिए दूसरे जनपदों से बालिका गृह में भेजी गई थी और पॉस्को एक्ट में उनके मुकदमों में ट्रायल जारी है. कानपुर बालिका गृह में बाल संरक्षण आयोग की एक सदस्यीय टीम भी जल्द ही दौरा करेगी और इसकी रिपोर्ट सरकार को दी जाएगी.

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बालिका संरक्षण गृह में क्षमता से अधिक थी संवासिनियां
आयोग अध्यक्ष विशेष गुप्ता के मुताबिक कानपुर बालिका संरक्षण गृह में क्षमता से अधिक संवासिनियों को रखा गया है और कोरोना का पहला मामला सामने आने के बाद उन्होंने सभी इंतजामों का निरीक्षण भी किया था. कोरोना संकट से संवासिनियों को बचाने के लिए आयोग ने अब नई व्यवस्था शुरू करने का फैसला लिया है. आयोग अध्यक्ष के मुताबिक देखभाल के लिए बालिका गृह में भेजी गई, संवासिनिया अगर अपने घर जाने को इच्छुक है तो उन्हें घर भेजा जाएगा.

पॉस्को एक्ट के मामलों में पीड़ित किशोरियों को नहीं मिलेगी सुविधा
बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष के मुताबिक गम्भीर मामलों और पॉस्को एक्ट की शिकायतकर्ता किशोरियों को इस तरह की छूट नहीं दी जा रहीं है. यह सुविधा केवल उन्हीं किशोरियों को दी जाएंगी जो घर से भाग कर या परिवार से बिछड़ कर बालिका गृह तक पहुंची हैं. विशेष गुप्ता के मुताबिक जल्द ही वह सभी बाल कल्याण समितियों को इस आशय का पत्र लिखकर जल्द कार्रवाई के लिए निर्देशित करेंगे.

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