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मुरादाबाद में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बाद जागा विभाग, 80 फैक्ट्रियों पर कार्रवाई - यूपी में वायु प्रदूषण

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में बढ़ते प्रदूषण पर रोक लगाने को लेकर प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने पिछले तीन दिनों में अस्सी से ज्यादा कोयला इस्तेमाल कर रही औद्योगिक इकाइयों को बंद कर दिया है. इसके साथ ही पौने दो करोड़ रुपये जुर्माना भी वसूला गया है.

80 फैक्ट्रियों पर की कार्रवाई.

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Published : Nov 5, 2019, 9:02 AM IST

मुरादाबाद:राष्ट्रीय राजधानी समेत पूरा पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रदूषित हवा की मार झेल रहा है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं, जो आम लोगों के लिए चिंता का सबब बना हुआ है. मुरादाबाद में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स का आंकड़ा यहां की हवा के दूषित होने की गवाही दे रहा है. दीपावली के बाद 400 का आंकड़ा पार कर चुका एयर क्वालिटी इंडेक्स अब सामान्य होने का नाम नहीं ले रहा है.

प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने 80 फैक्ट्रियों पर की कार्रवाई.

प्रदूषण पर चिंता के बीच प्रदूषण नियंत्रण विभाग हरकत में आया है और पिछले तीन दिनों में अस्सी से ज्यादा कोयला इस्तेमाल कर रही औद्योगिक इकाइयों को बंद कर पौने दो करोड़ रुपये जुर्माना वसूला गया है. इसके साथ ही जहां सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है, वहीं रेलवे को भी नोटिस जारी कर प्रदूषण रोकने के लिए कहा गया है. प्रशासन के निर्देश पर एमडीए और नगर निगम की टीमें शहर के हालात पर नजर रखे हुए हैं.

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क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अजय शर्मा ने बताया कि पिछले कुछ सालों की तरह इस साल भी मुरादाबाद प्रदूषण के मामले में अव्वल बना हुआ है. एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक मुरादाबाद में प्रदूषित हवा का स्तर 500 तक पहुंच गया है. दीपावली के बाद बढ़ा प्रदूषण पिछले सप्ताह के आखिर में कुछ कम हुआ था, लेकिन रविवार को यह दोबारा 400 के ऊपर पहुंच गया. हवा में बढ़ते प्रदूषण के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड हरकत में आया है और अस्सी से ज्यादा उधोगों को बंद कराया गया है. इन उद्योगों में कोयले का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसके बाद पौने दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला गया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तीन टीमें शहर में लगातार चेकिंग अभियान चलाकर प्रदूषण फैला रहीं फैक्ट्रियों को तलाश कर रहीं है.

उन्होंने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ नगर निगम और एमडीए को भी प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगाया गया है. नगर निगम को कूड़ा जलाने वालों पर कार्रवाई और सड़कों की सफाई का काम दिया गया है. वहीं एमडीए निर्माणाधीन इमारतों से हो रहे प्रदूषण पर भी रोक लगाएगा. रेलवे के माल गोदाम में सीमेंट और कोयले को उतारते समय उठ रही धूल के चलते रेलवे को भी नोटिस जारी कर प्रभावी कदम उठाने के आदेश दिए गए हैं. हवा में बढ़ते प्रदूषण के चलते जहां बीमार लोगों की संख्या बढ़ गई है. वहीं आम लोग भी ज्यादातर घरों में रहने को मजबूर हैं. पीतल उद्योग के चलते कोयले से चलने वाली भट्टियों की बड़ी तादात शहर में मौजूद है, जिस पर रोक लगाने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है.

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