मिर्जापुरः मेडिकल कॉलेज के अधीन होने से जिला मंडलीय अस्पताल में मरीजों के लिए इलाज की सुविधाएं बढ़ाने का काम लगातार किया जा रहा है. इमरजेंसी में अब मरीजों की हालत पर रेड, येलो व ग्रीन जोन में रखकर इलाज किया जाएगा. इसके लिए अस्पताल के डॉक्टर दिल्ली एम्स से ट्रेनिंग करके लौटे हैं. गंभीर मरीजों को रेड जोन, थोड़े कम गंभीर वाले मरीजों को येलो और प्राथमिक उपचार वाले मरीजों को ग्रीन जोन में भर्ती किया जाएगा. जोन बनने के बाद डॉक्टर की प्राथमिकता होगी कि वे पहले रेड जोन वाले मरीजों की देखभाल करें. इसके बाद येलो और ग्रीन जोन वाले मरीजों का इलाज करेंगे. इससे क्रिटिकल मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी.
मां विंध्यवासिनी स्वशासी मेडिकल कॉलेज(Maa Vindhyavasini Autonomous Medical College) के प्रिंसिपल आरबी कमल ने बताया कि इमरजेंसी को 4 पार्ट में डिवाइड किया जा रहा है. क्राइड के साथ ही तीन जोन बनाये जाएंगे. पहले क्राइड में अटेंड किया जाएगा. इसके बाद रेड येलो व ग्रीन जोन में इलाज किया जाएगा. इसके साथ ही इमरजेंसी में इंप्लीमेंट किया जा रहा है. 24 घंटे मेडिसिन ऑर्थो और सर्जरी के स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद रहेंगे. अस्पताल की इमरजेंसी में 20 बेड की व्यवस्था कर मरीजों का इलाज किया जायेगा.
मिर्जापुर जिला मंडलीय अस्पताल (Mirzapur District Circle Hospital) के इमरजेंसी में मरीजों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए जल्द ही चार जोन में विभाजित किया जाएगा. क्राइड रेड, येलो और ग्रीन जोन बनाने की तैयारी चल रही हैं. इसके लिए मां विंध्यवासिनी स्वशासी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने जिला मंडलीय अस्पताल के एक इमरजेंसी डॉक्टर एक मेडिसिन डॉक्टर और एक नर्सिंग स्टाफ को दिल्ली एम्स ट्रेनिंग के लिए भेजा था, जो पांच दिन की ट्रेनिंग करके अब डॉक्टर दिलीप चौरसिया, डॉक्टर सुनील सिंह और स्टाफ नर्स शशिप्रभा वापस आ गए हैं. अब इमरजेंसी में मरीजों की हालत को देखते हुए डॉक्टर इलाज करेंगे.