मिर्जापुर : इस समय देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों से 5 सवाल कर रहा है. इन सवालों के जरिए उम्मीदवारों की प्राथमिकताएं और उनके विजन को जानने का प्रयास किया जा रहा है. बुधवार को ईटीवी भारत ने मिर्जापुर सीट से गठबंधन प्रत्याशी रामचरित्र निषाद से इन सवालों पर बात की.
मिर्जापुर : ईटीवी भारत के पांच सवालों के जबाव में ये बोले गठबंधन प्रत्याशी
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ईटीवी भारत सवाल-जबाव श्रृंखला चला रहा है. इसके तहत प्रत्येक सीट पर प्रमुख लोकसभा उम्मीदवारों से पांच सवाल पूछे जा रहे हैं. उम्मीदवारों का अपने संसदीय क्षेत्र के लिए विकास का रोडमैप और उनकी नीतियों को जानने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है. इसी क्रम में मिर्जापुर से सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी रामचरित्र निषाद से पांच सवाल किए गए.
पहला सवाल- चुनाव जीतने के बाद आपकी पहली प्राथमिकता क्या होगी?
जबाव- मिर्जापुरवासियों को सम्मान देना मेरी पहली प्राथमिकता होगी. साथ ही यहां का जो मूल व्यवसाय था उसे हम फिर से जीवित करेंगे. इससे स्थानीय जनता को रोजगार मिल सकेगा.
दूसरा सवाल- आपका इस चुनाव में नारा क्या है?
जबाव- सिर्फ विकास ही मेरा नारा है.
तीसरा सवाल- यहां की कौन सी समस्या है जो काफी अर्से से लंबित है और उसका समाधान कैसे करेंगे ?
जबाव- मिर्जापुर पांच साल केंद्रीय मंत्री का संसदीय क्षेत्र रहा है. यहां पीतल बर्तन का व्यवसाय था, लेकिन पीतल से बने बर्तनों का आयात-निर्यात नहीं किया गया. साथ ही इन बर्तनों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दिया गया. सासंद बनते ही इससे जीएसटी हटवाना मेरा लक्ष्य रहेगा.
चौथा सवाल- आपके निर्वाचन क्षेत्र में क्या करने की जरूरत है?
जबाव- 2014 में जब नरेंद्र मोदी मिर्जापुर आए थे तो उन्होंने यहां की बंद पड़ी चिमनियों को दोबारा शुरू कराने का वादा किया था. पांच साल बीत गए, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई प्रयास नहीं किया गया है. रोजगार बंद पड़े हैं और व्यवसायी रो रहे हैं. इसलिए यहां के मूल व्यवसाय जैसे पीतल बर्तन या कालीन व्यवसाय को फिर से शुरू कराना बेहद जरूरी है.
पांचवा सवाल- सांसद लैंड के दुरुपयोग से कैसे बचेंगे?
जबाव- मैं फिलहाल मछली शहर से सांसद हूं. भारत सरकार की योजनाओं को हम सार्वजनिक रूप से लोगों के बीच में बैठकर तय करते हैं. हमारे लोकसभा क्षेत्र के हर चौराहे पर इंटरनेशनल सुलभ शौचालय बनाए गए हैं. इसका जिम्मा ऐसी एजेंसी को देते हैं जो इस क्षेत्र में कम से कम 30 साल काम का अनुभव रखती हो. हम प्राइवेट एजेंसियों को देने की बजाय सरकारी एजेंसियों से काम कराते हैं. यही प्रक्रिया मिर्जापुर में भी अपनाई जाएगी.