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83 की उम्र में भी गंगा में घंटों तैरता है ये 'जल योगी'

मिर्जापुर की शहर कोतवाली के विसुंदरपुर के रहने वाले 83 साल के बसुधा नंद द्विवेदी पानी में योग करते हैं. 83 साल की उम्र में कड़ाके की ठंड में यह तस्वीर देखकर लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं. यही नहीं बुजुर्ग को हाथ पैर बांध के पानी में फेंक दिया जाए तो यह डूबते भी नहीं है. घंटों इसी तरह पानी में तैरते रहते हैं.

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Published : Dec 23, 2020, 2:17 PM IST

Updated : Dec 23, 2020, 2:51 PM IST

गंगा में घंटों तैरता है ये बुजुर्ग योगी.
गंगा में घंटों तैरता है ये बुजुर्ग योगी.

मिर्जापुर: गंगा नदी में आपने लोगों को नहाते हुए तो देखा होगा, लेकिन क्या आपने किसी को नदी में योग करते देखा है, नहीं देखा है तो आप मिर्जापुर की यह तस्वीर जरूर देखिए. क्योंकि मिर्जापुर की अजब-गजब की यह तस्वीर बसुधा नंद द्विवेदी की है, जो पानी में योग करते हैं. यही नहीं हाथ पैर बांध के पानी में फेंक दिया जाए तो यह डूबते भी नहीं है. घंटों इसी तरह पानी में तैरते नजर आएंगे. 83 साल की उम्र में कड़ाके की ठंड में यह तस्वीर देखकर लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं. 30 सालों से लगातार योग करते आ रहे हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट.

83 साल के बुजुर्ग का जल योग
मिर्जापुर शहर कोतवाली के विसुंदरपुर के रहने वाले 83 साल के रिटायर्ड क्लर्क बसुधा नंद द्विवेदी का जल योग चर्चा का विषय बना हुआ है. यह गंगा नदी में न सिर्फ तैरते हैं, बल्कि अलग-अलग तरह के जल योग भी करते हैं. यही नहीं इनके पूरे शरीर को रस्सी से बांधकर बोरी में लपेट कर गंगा नदी में फेंक दिया जाए, तो यह घंटों इसी पानी में तैरते नजर आएंगे. 30 सालों से लगातार जल में योग करते आ रहे हैं. गंगा नदी में 5 से 8 घंटे पानी में इसी तरह लेट सकते हैं. नदी में कुछ देर तैरते और फिर आराम से नदी के पानी में ही लेट जाते हैं. बिना शरीर में कोई हलचल किए नदी के पानी के ऊपरी सतह पर घंटों तैरते रहते हैं और डूबते नहीं. इनके घर वाले इस विद्या को अभी नहीं सीख पाए हैं और न कोई सीखना चाहता है.

गंगा में घंटों तैरता है ये बुजुर्ग योगी.

नहीं है इनको कोई बीमार
स्थानीय नाविक विजय कुमार ने बताया कि 20 सालों से इन्हें हम इस तरह से योगा करते हुए गंगा नदी देख रहे हैं. ठंड में भी करते है. योग करने के कारण इन्हें कोई बीमारी नहीं हुई है न ही इनको ब्लड प्रेशर की शिकायत है न हीं शुगर जैसी कोई बीमारी है. यही कारण है कि आज भी इस उम्र में रोजाना घंटों नदी में जल योग करते हैं. वहीं अजय कुमार धवन का कहना है कि कई बार यह हमको फोटो दिखा रहे थे और बता रहे थे आज मैंने पहली बार गंगा नदी में इस तरह का योग करते हुए देखा है. इतनी ठंड होने के बावजूद भी हम लोग मना कर रहे थे, फिर भी यह योग करते रहे. यह बिल्कुल फिट है, इनको आज तक कोई बीमारी नहीं है.

गंगा नदी में जल योग करते बसुधा नंद द्विवेदी
विकास भवन के मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय के रिटायर्ड क्लर्क बसुधा नंद द्विवेदी ने बताया कि इस योग को करने के लिए लगातार समय दिया जाता है. योग में शुरुआत में सांस को ऊपर खींच कर रोकना पड़ता है. तब शरीर एक गुब्बारे की तरह हो जाता है. तब शरीर को हल्के से पांव के सहारे ऊपर धकेलने पर शरीर पानी के ऊपरी सतह पर तैरने लगता है. 39 साल की नौकरी करने के बाद 30 साल रिटायर होने के बावजूद भी आज हम इस तरह से योग कर लेते हैं. हम 50 प्रकार के आसन पानी में लगा सकते हैं. हमें रस्सी और साड़ियों से लपेटकर बांध दिया जाए और नदी में फेंक दें बीच धारा में फिर भी हम डूबेंगे नहीं. योगा करते हुए कविता सुनाते रहेंगे. हमारी जल विद्या पूरी हो गई है. हम इंदौर और दिल्ली में भी योगा इस तरह से कर चुके हैं. वहां मुझे सम्मानित भी किया गया था.

जल में योग करने के फायदे
योग आपने कई तरीके से सुने और किए होंगे, लेकिन पानी में तैरते हुए योग सुनने में थोड़ा अजीब है, लेकिन इसके फायदे गजब हैं. पानी में योग करने से मनुष्य के शरीर में लचीलापन बढ़ जाता है. जल योग से शरीर का दर्द, रक्त संचार, कब्ज और शरीर की अन्य बीमारी दूर होती है.

Last Updated : Dec 23, 2020, 2:51 PM IST

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