मिर्जापुर: नवरात्र में मां के नौ स्वरूपों की आराधना भक्त बड़ी श्रद्धा के साथ करते हैं. नवरात्र में देवी मां को लाल चुनरी चढ़ाने का विशेष महत्व है. बात चाहे जम्मू स्थित मां वैष्णो देवी के मंदिर की हो या फिर विंध्याचल धाम स्थित विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी धाम की. इन सभी धार्मिक जगहों पर श्रद्धालु नारियल और चुनरी चढ़ाते हैं.
मुस्लिम परिवार बनाता है मां की चुनरी
धर्मनगरी प्रयागराज और काशी के मध्य में 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ विंध्याचल धाम है. यहां हर भक्त आकर चुनरी चढ़ाता है. हालांकि यह बहुत कम लोग जानते हैं कि मां को चढ़ाने वाली चुनरी की बुनाई मुस्लिम परिवार के लोग करते हैं. हिंदुओं की आस्था से जुड़ी इन चुनरियों को मुस्लिम परिवार बड़ी श्रद्धा के साथ बुनते हैं. साथ ही इसी से उनका घर चलता है. ये किसी एक परिवार की बात नहीं है. मिर्जापुर के कई ऐसे मुस्लिम परिवार हैं, जिनका जीवन यापन इसी पर निर्भर है.
आस्था के साथ परिवार करता है काम
गंगा नदी विंध्य पर्वत के संगम पर विराजमान मां विंध्यवासिनी के क्षेत्र में प्रेम सौहार्द की गंगा-जमुनी की धारा सदियों से बहती चली आ रही है. हिंदू और मुसलमान मिलकर नवरात्र मेले की तैयारी करते हैं. हिंदू दुकान को सजाने में लगता है तो मुसलमान मां को चढ़ाने वाली चुनरी को पूरी आस्था के साथ परिवार के साथ मिलकर बनाने में जुट जाता है. इससे मुस्लिम भाइयों को दो फायदे होते हैं. एक तो इस कारीगरी के चलते उनकी कमाई हो जाती है और दूसरा उनके हाथों से बनी चुनरी मां के चरणों में चढ़ाए जाने से उनको भी मां का आशीर्वाद अपने हिंदू भाइयों की बदौलत प्राप्त हो जाता है.