मिर्जापुर: लॉकडाउन का असर लाइसेंसधारी शराब विक्रेताओं पर पड़ रहा है. बिक्री में कमी आने के चलते शराब कारोबारियों ने सोमवार को प्रमुख सचिव आबकारी के नाम संबोधित ज्ञापन जिला आबकारी अधिकारी को दिया है. शराब विक्रेताओं का कहना है कि 40 दिन लॉकडाउन में बंदी के दौरान की लाइसेंस फीस वापस की जाए. साथ ही कोटा समाप्त कर बिक्री के आधार पर ही शराब की दुकानों का संचालन किया जाए.
शराब विक्रेताओं को कहना है कि वोभुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं. अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो वो लाइसेंस सरेंडर कर देंगे. लॉकडाउन में बड़े उत्साह के साथ खुली शराब की दुकानों के मालिक अब दुकानों पर शराब की बिक्री घटने से परेशान हैं. जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय पहुंचे शराब कारोबारी दुकानदारों को सरकार से रियायत देने की मांग कर रहे हैं.
राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से शराब की दुकानों को खोलने के लिए सरकार ने दुकानदारों को अनुमति दी थी. दुकान खोलने के एक से दो दिन तो शराब की दुकानों की खूब बिक्री हुई. वहीं अब शराब की बिक्री में अचानक कमी आ गई है. मिर्जापुर में शराब की बिक्री घटकर 25 प्रतिशत रह गई है. सोमवार को जिला आबकारी अधिकारी के कार्यालय पर शराब की दुकान चलाने वाले दुकानदार पहुंचे और सरकार से राहत देने की मांग की.
शराब कारोबारियों का कहना है कि शराब की बिक्री घटकर 25 प्रतिशत रह गई है, इसलिए विभाग उनकी दुकानों में कोटे में 75 प्रतिशत की कमी करे. इसके अलावा लाइसेंस फीस भी वापस की जाए. कारोबारियों को कोटे के लिए बाध्य न किया जाए.
जनपद में शराब कारोबारियों का लगभग 10 करोड़ का नुकसान हुआ है. शराब कारोबारियों ने कहा कि अगर उनकी मांग नहीं पूरी होती है, तो वो अपना लाइसेंस सरेंडर कर देंगे. क्योंकि वो इन हालात में भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं. वहीं जिला आबकारी अधिकारी कहना है कि लॉकडाउन में 40 दिन दुकानें बंद थीं, उसी की फीस वापस कराने के लिए यह कारोबारियों ने मांग की है. साथ ही दुकानों में बिक्री कम हो रही है इसलिए जो इनको टारगेट दिया जाता है वह भी न दिया जाए, ये मांग की गयी है.