मिर्जापुर: जिले की मझवां विधानसभा 90 के दशक तक उत्तर प्रदेश के वीआईपी सीटों में शुमार थी. यहां के जीते विधायक मंत्री हुआ करते थे. 1993 में मंत्री का पद छिन जाने के बाद क्षेत्र विकास की दौड़ से काफी पीछे छूट गया है. किसानों के लिए 5 सालों में कोई ठोस पहल नहीं किए जाने से गंगा पंप कैनाल से खेती करने वाले किसान इस बार भी इस मुद्दे को चुनाव के दौरान सवाल बना सकते हैं. किसानों का कहना है कि 20 साल से पंप कैनाल से पानी न मिलने के कारण फसल सूख जाती है. इसके अलावा क्षेत्र में दो रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनवाने की मांग 20 सालों से की जा रही है. यह भी एक बड़ा मुद्दा क्षेत्र में बना हुआ है. लोग इस बार भी इस मुद्दे को चुनाव में नेताओं को याद फिर से दिलाएंगे.
पंप कैनाल से 20 साल से किसानों को नहीं मिल रहा है पानी
पंप कैनाल से पानी न मिलने के कारण किसान आर्थिक रुप से कमजोर हो रहे हैं. कैनाल से 20 सालों से पानी न मिलने के कारण क्षेत्र के किसानों की खेती सुख जा रहा है. चुनाव के दौरान यह मुद्दा हर बार उठता है. हर चुनाव लड़ने वाला नेता वादा करता है, लेकिन 5 साल बीतने के बाद कोई ठोस पहल नहीं हो पाती है. इस बार भी लोग इस मुद्दे को चुनाव के दौरान सवाल बना सकते हैं. मझवां विधानसभा के गंगा दक्षिण इलाके के किसानों की खेती पंप कैनाल पर ही डिपेंड है. सरैया पंप कैनाल, रामनगर सीकरी पंप कैनाल के साथ और कई पंप कैनाल इलाके में बनाए गए हैं. 20 सालों से सभी पंप कैनाल पूरी क्षमता से किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंचा पा रहे हैं. कुछ तो खराब है और कुछ तो पानी देते हैं, लेकिन जैसे गंगा का पानी नीचे चला जाता है पंप कैनाल तक पानी नहीं रहने के कारण पंप कैनाल बंद हो जाते हैं. जिससे हजारों एकड़ फसल सूख जाती है. पंप कैनाल से खेती कर रहे मूलचंद और चंद्रशेखर ने बताया कि 20 सालों से पंप कैनाल बंद चल रहे हैं. जिसके वजह से हमारे धान गेहूं सूख जाते हैं. इस पंप कैनाल को लेकर आज तक कोई जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दिया. यही पंप कैनाल 20 साल पहले चलते थे और खेती होती थी. आज इक्का-दुक्का चलते भी हैं तो गंगा जी का पानी नीचे चले जाने से वह भी बंद हो जाता है नहरे सूखी रहती है खेती सूख जाती है.