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मझवां विधानसभा: गंगा पंप कैनाल और रेलवे क्रॉसिंग इस चुनाव में बनेगा यहां का मुद्दा - गंगा पंप कैनाल और रेलवे क्रॉसिंग इस मझवां विधानसभा चुनाव में बनेगा यहां का मुद्दा

उत्तर प्रदेश में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा का चुनाव होगा. ऐसे में मिर्जापुर की मझवां विधानसभा में चुनावी मुद्दा की बात किया जाए तो गंगा पंप कैनाल और रेलवे क्रॉसिंग अहम मुद्दा बन सकता है. पढ़िए रिपोर्ट... ये हैं चुनावी मुद्दा

मझवां विधानसभा
मझवां विधानसभा

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Published : Sep 18, 2021, 9:33 AM IST

मिर्जापुर: जिले की मझवां विधानसभा 90 के दशक तक उत्तर प्रदेश के वीआईपी सीटों में शुमार थी. यहां के जीते विधायक मंत्री हुआ करते थे. 1993 में मंत्री का पद छिन जाने के बाद क्षेत्र विकास की दौड़ से काफी पीछे छूट गया है. किसानों के लिए 5 सालों में कोई ठोस पहल नहीं किए जाने से गंगा पंप कैनाल से खेती करने वाले किसान इस बार भी इस मुद्दे को चुनाव के दौरान सवाल बना सकते हैं. किसानों का कहना है कि 20 साल से पंप कैनाल से पानी न मिलने के कारण फसल सूख जाती है. इसके अलावा क्षेत्र में दो रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनवाने की मांग 20 सालों से की जा रही है. यह भी एक बड़ा मुद्दा क्षेत्र में बना हुआ है. लोग इस बार भी इस मुद्दे को चुनाव में नेताओं को याद फिर से दिलाएंगे.

पंप कैनाल से 20 साल से किसानों को नहीं मिल रहा है पानी
पंप कैनाल से पानी न मिलने के कारण किसान आर्थिक रुप से कमजोर हो रहे हैं. कैनाल से 20 सालों से पानी न मिलने के कारण क्षेत्र के किसानों की खेती सुख जा रहा है. चुनाव के दौरान यह मुद्दा हर बार उठता है. हर चुनाव लड़ने वाला नेता वादा करता है, लेकिन 5 साल बीतने के बाद कोई ठोस पहल नहीं हो पाती है. इस बार भी लोग इस मुद्दे को चुनाव के दौरान सवाल बना सकते हैं. मझवां विधानसभा के गंगा दक्षिण इलाके के किसानों की खेती पंप कैनाल पर ही डिपेंड है. सरैया पंप कैनाल, रामनगर सीकरी पंप कैनाल के साथ और कई पंप कैनाल इलाके में बनाए गए हैं. 20 सालों से सभी पंप कैनाल पूरी क्षमता से किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुंचा पा रहे हैं. कुछ तो खराब है और कुछ तो पानी देते हैं, लेकिन जैसे गंगा का पानी नीचे चला जाता है पंप कैनाल तक पानी नहीं रहने के कारण पंप कैनाल बंद हो जाते हैं. जिससे हजारों एकड़ फसल सूख जाती है. पंप कैनाल से खेती कर रहे मूलचंद और चंद्रशेखर ने बताया कि 20 सालों से पंप कैनाल बंद चल रहे हैं. जिसके वजह से हमारे धान गेहूं सूख जाते हैं. इस पंप कैनाल को लेकर आज तक कोई जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दिया. यही पंप कैनाल 20 साल पहले चलते थे और खेती होती थी. आज इक्का-दुक्का चलते भी हैं तो गंगा जी का पानी नीचे चले जाने से वह भी बंद हो जाता है नहरे सूखी रहती है खेती सूख जाती है.

गंगा पंप कैनाल और रेलवे क्रॉसिंग इस चुनाव में बनेगा यहां का मुद्दा

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रेलवे क्रॉसिंग पर 20 सालों से ओवरब्रिज बनवाने की मांग
इस विधानसभा में कई जगह से रेलवे लाइन गुजरी है. सबसे बड़ा आमघाट रेलवे क्रॉसिंग है. इसके अलावा कटका रेलवे क्रॉसिंग है, जहां पर 20 सालों से जनता ओवरब्रिज बनवाने की मांग कर रही हैं. आमघाट नेशनल हाईवे -7 पर पड़ता है हजारों गाड़ियां और लोग मिर्जापुर से वाराणसी वाराणसी से मिर्जापुर हर दिन आते और जाते हैं. रेलवे फाटक बंद होने से घंटों इंतजार करना पड़ता है, लंबे जाम से भी गुजरना होता है. इसी तरह कटका रेलवे क्रॉसिंग है. स्थानीय रमेश और अजय ने बताया कि ओवरब्रिज बनवाने के लिए 20 सालों से यहां की जनता मांग कर रही है. अभी तक ओवरब्रिज कोई जनप्रतिनिधि नहीं बनवा पाया है. यहां पर कई बार हादसा हो चुका है. जब चुनाव आता है तो लोग वादा करते हैं, इसके बाद भूल जाते हैं. इस मार्ग से विधायक भी आते जाते हैं, याद दिलाने पर बोलते हैं चलो बन जाएगा. चुनाव के बाद सभी लोग भूल जाते हैं. पढ़ने जाने वाले छात्रों को भी फाटक बंद होने से इंतजार करना पड़ता है.

रेलवे क्रॉसिंग इस चुनाव में बनेगा यहां का मुद्दा
गंगा पंप कैनाल इस चुनाव में बनेगा यहां का मुद्दा

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