मिर्जापुर: एमबीबीएस की पढ़ाई पूर कर इंटर्नशिप कर रहे छात्र नवनीत पराशर का शव गंगा नदी से बरामद हुआ. छात्र बिहार के गोपालगंज जिले का रहने वाला था. काशी हिंदू विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी कर नवनीत पराशर इंटर्नशिप कर रहा था. बीते नौ जून को विंध्याचल क्षेत्र से उसकी बाइक मिली थी और चील्हा थाना क्षेत्र में गंगा नदी से शव बरामद किया गया है.
सीसीटीवी फुटेज में देखा गया छात्र. नवनीत पराशर बिहार के गोपालगंज जनपद का रहने वाला था. बीएचयू वाराणसी में धनवंतरि हॉस्टल में रहकर एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह इंटर्नशिप कर रहा था. नवनीत के दोस्तों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट वाराणसी के लंका थाने में दर्ज कराई थी. छात्र की मोटरसाइकिल 9 जून को थाना विंध्याचल के पास लावारिस बरामद हुई थी. वहीं बाइक की चाबी मां विन्ध्वासिनी विन्ध्यधाम की सीढ़ी पर मिली थी.
सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिया छात्र
सीसीटीवी फुटेज देखा गया तो वह उसी दिन गंगा नदी की तरफ से मंदिर की तरफ भीगे वस्त्रों में आता दिखाई दे रहा था. पुलिस ने तलाश के लिए सभी थानों को अलर्ट कर दिया था. चार दिनों से स्थानीय पुलिस छात्र की तलाश में दिन रात लगी रही. काफी लोगों से पूछताछ की गई. पुलिस ने पहाड़ी से लेकर नदी तक तलाशी अभियान चलाया.
दोस्तों ने की शव की शिनाख्त
शनिवार को थाना चील्हा के ग्राम कोल्हुआ भोज में गंगा नदी में युवक का शव मिला. साथियों ने कपड़ों से उसकी शिनाख्त की. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. बताया जा रहा है कि छात्र मानसिक रूप से परेशान था. साथ ही विंध्याचल में आकर मंदिर के पास रहने वाले लोगों से उसने मुलाकात भी की थी.
वहीं इस मामले में परिजनों का कहना है कि इधर कई दिनों से वह आध्यात्मिक बात करता था. वह बोलता था कि रुद्राक्ष की माला ले लिया हूं. रुद्राभिषेक कराना है. यहां के पंडा, बनारस के पंडा की तुलना में बहुत ज्यादा पैसा लेते हैं. आप वहां से करा दीजिए. परिवार का कहना है कि किसी तांत्रिक के चक्कर में आकर उसने यह कदम उठाया है. कई दिनों से बृहस्पतिवार को व्रत भी रहता था. मना करने पर भी नहीं मानता था. घटना वाले दिन दरवाजा खोलकर मोबाइल छोड़कर वह निकल गया. तब मुझे लग रहा था कि कुछ होने वाला है. उसी दिन विंध्याचल में मोटरसाइकिल और चाबी मिली. सीसीटीवी फुटेज में देखा गया इसके बाद पता नहीं चला कहां गया. परेशान रहता था बार बार कहते थे बेटा पढ़ो, अभी यह सब न करो. हम हैं, परेशान न हो, फिर भी नहीं मानता था.