मिर्जापुर: जनपद में शुक्रवार शाम को हुई भारी ओलावृष्टि, बारिश और आंधी-तूफान ने जमकर तबाही मचाई. इस कारण 95 हजार 500 हेक्टेयर की फसल पूरी तरह से तबाह हो गई है. इस आपदा में लगभग 15 लोगों की मौत हो गई.
मृतक परिवार को बांटे गए प्रमाण पत्र
रविवार को फसलों के नुकसान का जायजा लेने के लिए योगी सरकार के वन व पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद अनुप्रिया पटेल सदर तहसील के खमरिया कला गांव पहुंचे. यहां दोनों ने नुकसान हुई फसलों को देखा. फसल नुकसान का जायजा लेने के बाद विंध्याचल अष्टभुजा गेस्ट हाउस में मृतकों के परिवार को प्रमाणपत्र बांटे गए.
दैवीय आपदा से 15 लोगों की हुई मौत
वन व पर्यावरण मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि जनपद में ओलावृष्टि, तेज तूफान और बारिश के कारण लगभग 95 हजार 500 हेक्टेयर फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. 15 लोगों की जान जा चुकी हैं और सैकड़ों लोग घायल हैं. 174 पशुओं की मौत हुई है. 314 मकान गिरे हैं, इसके लिए जिला प्रशासन ने 72 करोड़ 60 लाख रुपये का एक अनुमान बनाकर सरकार को भेजा है. राहत पहुंचाने के लिए अभी और आंकलन किया जा रहा है, वह भी शासन को भेजा जाएगा.
नुकसान हुई फसलों का किया जा रहा आंकलन
मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि सरकार मृतक परिवारों को 48 घंटे के अंदर उनके खाते में चार-चार लाख रुपये भेजे जा रहे हैं. जिनके कच्चे मकान गिरे हैं, उनको 13 हजार और जिनके पक्के मकान गिरे हैं, उनको 95 हजार रुपये सरकार दे रही है. साथ ही जो फसल का नुकसान हुआ है, उसका आंकलन किया जा रहा है. तत्काल किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा सरकार देगी.
दैवीय आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए किए गए विशेष प्रबंध
सांसद अनुप्रिया पटेल ने अपने संसदीय क्षेत्र के कई गांवों का दौरा कर नुकसान हुई फसलों को देखा. साथ ही आपदा में जान गंवाने वाले किसानों के घर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त की. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने बहुत ही शीघ्र एक्शन में आते हुए सारे लोगों तक राहत पहुंचाने के लिए विशेष प्रबंध किए है. जो हमारी मानव मृत्यु हुई है, उनमें से अधिकांश लोगों के खाते में 24 घंटे के अंदर 4 लाख रुपये की राहत राशि ट्रांसफर कराई गई है. आज यहां उन्हें प्रमाण पत्र भी बांटे गए हैं. जो लोग शेष रह गए हैं, उन्हें भी राहत राशि देने के सारे प्रबन्ध किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि 95 हजार 500 हेक्टेयर फसल क्षेत्र का जो नुकसान हुआ है, उसके लिए 72 करोड़ 60 लाख रुपये का एक अनुमान बनाकर सरकार को भेजा गया है. आगे भी आंकलन की प्रक्रिया जारी है. उसमें जो भी बढ़ोतरी होगी उसके हिसाब से शासन को सूचित करने की भी प्रक्रिया की जा रही है.
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