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मिर्जापुर: मुख्यमंत्री महामाया सचल अस्पताल योजना के लाखों रुपये के वाहन हो रहे नष्ट

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में बसपा सरकार के सत्ता से हटते ही उसकी महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री महामाया सचल अस्पताल की गाड़ी के पहिए जहां के तहां थम गए हैं. वाहनों को संबंधित अस्पतालों में खड़ा कर दिया गया है.

अस्पताल में खड़ी महामाया सचल अस्पताल योजना के खराब वाहन

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Published : Sep 5, 2019, 1:13 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

मिर्जापुर:प्रदेश मेंसरकार बदलते ही कई सरकारी योजनाएं और उनके नाम भी बदल जाते हैं. यही नहीं कई योजनाओं पर कब ताला लग जाता है और किसी को पता भी नहीं चलता. यही हुआ है बसपा सरकार में महत्वाकांक्षी योजना रही 'मुख्यमंत्री महामाया सचल अस्पताल योजना' की. इस योजना में संचालित गाड़ी के पहिए अब जहां के तहां थम गए हैं. साथ ही लाखों का वाहन को सड़ने और नष्ट होने के लिए संबंधित अस्पतालों में खड़ा कर दिया गया है. मिर्जापुर के कछवा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अब इस चलते फिरते अस्पताल का कोई सुध लेने वाला नहीं है.

महामाया सचल अस्पताल योजना के लाखों रुपये बरबाद.

सरकार बदलते ही थमी योजनाएं

शासन की योजनाओं और उसकी मंशा पर निजाम बदलते ही ग्रहण सा लग जाता है. इसी कड़ी का एक नजीर कछवा समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिलता है. बसपा सरकार के सत्ता से हटते ही उसकी महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री महामाया सचल अस्पताल की गाड़ी भी रुक गई हैं. वाहनों को सड़ने के लिए संबंधित अस्पतालों में खड़ी कर दिया गया है. जनपद मिर्जापुर में कुल 11 मोबाइल मेडिकल यूनिट विभिन्न सीएससी पीएससी पर आए थे. संचालन न होने से जगह-जगह खड़ी है. इस चलते-फिरते अस्पताल में एक डॉक्टर टेक्नीशियन समेत फौरी तौर पर पीड़ित असहायों के इलाज के लिए सुसज्जित और आधुनिक सुविधाजनक इलाज के संसाधन वाहन में संचालित थे.

योजना के पर धन का दुरुपयोग-

एक वाहन में डॉक्टरों की टीम असहाय मरीजों के इलाज के लिए महज 15 मिनट के अंदर इलाज करने को तैयार रहता था. सत्ता परिवर्तन होते ही अस्पताल परिसर में खड़े-खड़े वाहन के सारे संसाधन गायब हो गए हैं. बचा है तो महज ढांचा जो अब वह भी नष्ट होने की कगार पर पहुंच गया है. क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि आखिर कब तक इस तरह से योजना के धन का दुरुपयोग होता रहेगा. हालांकि इस सवाल पर अधिकारियों का कहना हैं कि महामाया योजना के अंतर्गत 11 मोबाइल मेडिकल यूनिट बैन मिर्जापुर के विभिन्न सीएससी पीएससी पर आई थी. उनका संचालन न होने के कारण महानिदेशक परिवार कल्याण ने 3 महीने पहले ही पीपीपी मॉडल पर जो संस्था चला रही थी उसको स्थानांतरण कर दिया है.

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यह इतनी अच्छी व्यवस्था थी गांव -गांव यह वाहन घूमती थी. इसमें डॉक्टर और दवा पूरा रहता था .चंद मिनट में आकर इलाज करके चले जाते थे लेकिन मायावती सरकार बदलते ही अखिलेश सरकार आते ही यह वाहन हर ब्लाक में खड़े हो गए .

-मदन लाल, ग्रामीण

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:19 PM IST

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