मेरठ: कोरोना संकट के बीच जेलों से कैदियों को रिहा किया जा रहा है, लेकिन मेरठ जेल से पैरोल (Parole) मिलने पर भी एक कैदी ने घर जाने से मना कर दिया. दहेज (Dowry case) प्रकरण में सजायाफ्ता कैदी ने दो माह की पैरोल मिलने के बाद भी जेल में ही रहने की जिद्द पकड़ी हुई है. मेरठ जेल में पहली बार ऐसा हुआ है, जब कोई कैदी कोरोना संक्रमण के डर से जेल की सलाखों के पीछे ही रहना चाहता है. कैदी का मानना है कि वो कोरोना संक्रमण (Crorna Infection) से जितना सुरक्षित जेल में है, बाहर उतना ही खतरा है. हालांकि, जेल प्रशासन उसे दो माह की पैरोल पर घर भेजने का प्रयास कर रहा है.
जेल अधीक्षक बीडी पाण्डेय के मुताबिक उक्त कैदी जेल में साफ-सफाई और जेल अस्पताल की सुविधाओं से प्रभावित होकर बाहर न जाने की जिद्द पर अड़ा हुआ है. उसे डर है कि कहीं जेल से बाहर निकलते ही वो कोरोना संक्रमण की चपेट में न आ जाए. बंदी का भी यही कहना है कि जेल में रहकर वो अपनी सजा पूरी करना चाहता है. इस बंदी ने जिला कारागार प्रशासन को लिखकर दिया है कि वो पैरोल पर रिहाई नहीं चाहता.
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