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सुधांशु शेखर को भी शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित, जानिए इनके बारे में... - शिक्षक दिवस 2023

5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 50 शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मानित करेंगी. सुधांशु शेखर यूपी के अकेले ऐसे अध्यापक हैं, जोकि सीबीएसई बोर्ड से ताल्लुक रखते हैं. जिनका देश की राष्ट्रपति सम्मान करेंगी. आइए जानते कौन हैं सुधांशु शेखर, जिन्हें राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर सम्मानित किया जाना है.

मिलिए शिक्षक सुधांशु शेखर
मिलिए शिक्षक सुधांशु शेखर

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 4, 2023, 10:50 PM IST

Updated : Sep 4, 2023, 11:06 PM IST

सुधांशु शेखर को भी शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित

मेरठ: शिक्षक दिवस के मौके पर इस बार जिन 50 शिक्षकों को राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया जाना है. उन शिक्षकों में से इस बार तीन शिक्षक यूपी के हैं. जिनमें मेरठ के सुधांशु शेखर भी शामिल हैं. मूल रूप से भुवनेश्वर ओड़िसा के रहने वाले सुधांशु शेखर जनपद मेरठ के केएल इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल हैं. उन्होंने ईटीवी भारत से exclusive बातचीत की और उन्होंने अपने के करियर के बारे में विस्तार से चर्चा की.

सुधांशु सीबीएसई टीचर्स अवार्ड भी पा चुके हैं
सुधांशु शेखर बताते हैं कि पिछले 29 वर्षों से वह शिक्षण क्षेत्र में है. जिसमें वह शिक्षक, कॉर्डिनेटर और प्रिंसिपल भी रहे. उनका कहना है कि इस दौरान सीखने और सिखाने की प्रक्रिया चलती रही. सुधांशु शेखर का मानना है कि ये सम्मान उस टीचर के लिए है, जो रोज शिक्षा देता है और साथ ही साथ सीखता भी है. वह बताते हैं कि क्योंकि सिटी कॉर्डिनेटर के तौर पर अनेकों स्कूलों के सम्पर्क में रहना पड़ता है. इसमें सभी का साथ बहुत ही अनिवार्य है. इसीलिए उन्हें मिलने वाले इस सम्मान के सभी भागीदार हैं. जिस शिक्षण संस्थान से वह जुड़े हैं. उसकी शिक्षा में सुधार लाने के लिए देश के बाहर जाकर भी प्रयास किए गए.
शिक्षक सुधांशु शेखर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विचार:सुधांशु शेखर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लेकर कहते हैं कि सोचने की प्रक्रिया यह है कि नया भारत किस तरह से हो, उसके बाद निश्चित ही बदलाव आएगा. वहीं, गैजेट्स को लेकर वह कहते हैं कि हमें समझना पड़ेगा कि पहले किताबें होती थीं और गुरु होते थे. ऐसे में टीचर जो ज्ञान समाहित होता देता था, उसी को बच्चों को सिखाते थे. आज बच्चे के पास बहुत सारी जानकारी है. तमाम माध्यम स्टूडेंट्स के पास हैं. कहीं पर तो बच्चों के पास शिक्षकों से ज्यादा जानकारी होती है. लेकिन, ऐसे मामलों में बच्चों से शिक्षकों सीखना चाहिए. वहीं, शिक्षा का अधिकार अधिनियम को लेकर सुधांशु कहते है कि न केवल स्कूली शिक्षा बल्कि यहां जरूरत इस बात की भी है कि बच्चों को वोकेशनल एजुकेशन और स्किल के जरिए आगे बढ़ाएं. जिससे वह आगे अधिक सफल हो सकते हैं. वह कहते हैं कि शिक्षक हमेशा सीखता भी है और सीखाता भी है.
सुधांशु शेखर को सम्मानित करेंगी राष्ट्रपति
इंटरनेशल स्कूल अवार्ड से भी सम्मानित: सुधांशु शेखर ने बताया कि शिक्षण कार्य की शुरूआत मेरठ में ऋषभ एकडेमी से की थी. उसके बाद अन्य कई शिक्षण संस्थाओं में उन्होंने अध्यापन कार्य किया. सुधांशु शेखर पिछले पांच साल से सीबीएसई के सिटी कोऑडिनेटर के तौर पर जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं. साथ ही वह सीबीएसई के इकोनोमिक्स विषय में विशेषज्ञ हैं. अब से पूर्व 2014 में सुधांशु सीबीएसई टीचर्स अवार्ड भी पा चुके हैं. साथ ही कुछ माह पूर्व उनकी सेवाओं को देखते हुए ब्रिटिश काउंसिल की ओर से इंटरनेशल स्कूल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था. सुधांशु बताते हैं कि क्योंकि उनके पिता सेना के अफसर रहे हैं. तो उनका लगभग तीन साल पर स्थानांतरण होता रहता था. जिस वजह से उनकी पढ़ाई भी अलग-अलग जगह पर हुई है. जिससे देश के बारे में और भी अच्छे से उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ. उन्होंने आगे कहा कि उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार मिलने जा रहा है. इससे उन्हें और भी बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी.

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Last Updated : Sep 4, 2023, 11:06 PM IST

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