मेरठःनवरात्रि महोत्सव के लिए हर कोई अपनी तैयारियों में जुटा है. हर बार की तरह इस बार भी बंगाली समाज नवरात्रि महोत्सव को खास बनाने के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है. शहर के दुर्गा बाड़ी मंदिर में कोलकाता से आए कलाकार मां दुर्गा की जीवंत मूर्ति बनाने में जुटे हैं. इन मूर्तियों की खास बात यह है कि यह कोलकाता से लाई गई मिट्टी से ही बन रही है और इसमें इको फ्रेंडली रंगों का इस्तेमाल हो रहा है. इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा.
मेरठ: नवरात्रि महोत्सव के लिए कोलकाता की मिट्टी से बन रही मां दुर्गा की मूर्ति
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में नवरात्रि की तैयारियां जोरों पर हैं. बंगाल से आए कलाकार मूर्तियों को अंतिम रूप देने में लगे हैं. वहीं इन मूर्तियों को बनाने के लिए कोलकाता से लाई गई मिट्टी से बन रही है. इन मूर्तियों को इको फ्रेंडली रंगों से सजाया जा रहा है.
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मनाया जाएगा 213 वां नवरात्रि महोत्सव
पश्चिम बंगाल के कोलकाता से बुलाए गए कारीगर दिन-रात मां दुर्गा की मूर्ति को बनाने में जुटे हैं. मेरठ में सदर स्थित मां काली मंदिर, छोटी दुर्गा बाड़ी मंदिर और भाटवाड़ा मंदिर के लिए विशेष रूप से कच्ची मिट्टी की मूर्ति ही दुर्गा पूजा के लिए बनाई जाती हैं. मूर्ति बना रहे कलाकार पंचम गोपाल का कहना है कि मूर्ति को खास तरह की मिट्टी से तैयार किया जाता है. यह मिट्टी कोलकाता से ही लाई जाती है. पंचम गोपाल ने बताया अब वहां भी मिट्टी आसानी से नहीं मिलती.
बंगाली दुर्गा बाड़ी मंदिर सोसाइटी के शाखा अध्यक्ष अमिताभ मुखर्जी का कहना है कि इस बार 213वां नवरात्रि महोत्सव मनाया जा रहा है. हर वर्ष की तरह इस बार भी 5 दिनों तक चलने वाले इस पूजा महोत्सव को खास बनाने की तैयारी की जा रही है. नवरात्रि में सप्तमी अष्टमी और नवमी को विशेष पूजा का आयोजन होगा. यह पूजा पश्चिम बंगाल से आए पुरोहित ही संपन्न कराएंगे.