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Asian Games 2023 : अन्नू रानी के गोल्ड जीतने पर परिजनों में खुशी का माहौल, खेत में गन्ने को भाला बनाकर करती थी अभ्यास - अन्नू रानी ने गोल्ड मेडल जीता

मेरठ जिले की रहने वाली अन्नू रानी ने एशियाई गेम्स में गोल्ड मेडल (Annu Rani Gold Medal In Asian Games) जीतकर जिले और देश का नाम रोशन किया. उसकी इस सफलता पर परिवार वालों में जश्न का माहौल है. वहीं, लोग बधाई देने आ रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 3, 2023, 9:45 PM IST

Updated : Oct 3, 2023, 10:04 PM IST

अन्नू रानी के गोल्ड जीतने पर उसके भाई ने दी बधाई

मेरठ: जिले के बहादुरपुर गांव के किसान अमरपाल सिंह की बेटी अन्नू रानी ने चीन में आयोजित एशियाई गेम्स में देश का मान बढ़ाया है. अन्नू रानी ने 62.92 मीटर भाला फेंककर गोल्ड जीत लिया. अन्नू रानी देश की पहली ऐसी महिला एथलीट बन गई हैं, जिन्होंने एशियाई गेम्स में बेहतरीन प्रदर्शन करके देश के लिए गोल्ड मेडल जीता है. अन्नू रानी की इस सफलता से परिवार वाले और गांव वालों में खुशी का माहौल है.

अन्नू रानी के गोल्ड जीतने पर परिजनों में खुशी का माहौल

बता दें कि इससे पहले 2022 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में जेवलिन थ्रो में अन्नू रानी ने कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था. मेरठ के बहादुरपुर गांव की इस बेटी के बारे में प्रचलित है कि अन्नू खेत में चोरी-छिपे गन्ने का भाला बनाकर अभ्यास किया करती थी. अन्नू रानी के बड़े भाई भूपेंद्र सिंह ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी है. उन्होंने कहा कि अपनी बहन पर गर्व है कि उसने देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा कि परिवार को लोग बधाई देने पहुंच रहे हैं.

अन्नू रानी के पिता ने भी एक साक्षात्कार में ईटीवी भारत से बातचीत में यह स्वीकार किया था कि उन्होंने शुरुआत में अपनी बेटी को खेलों में जाने से रोका था. हालांकि, अन्नू खेत में जाकर गन्ने को भाला बनाकर अभ्यास किया करती थी. गौरतलब है कि देश के इतिहास में यह पहला मौका है जब देश की कोई बेटी जेवलिन थ्रो गेम में गोल्ड मेडल जीती है.

पिछले साल कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज जीतकर मेरठ पहुंचने पर अन्नू रानी का हुआ था स्वागत

ईटीवी भारत से पूर्व में खास बातचीत में अन्नू ने बताया था कि उसके पिता खेलों की तरफ दिमाग लगाने से शुरू में मना किया करते थे. अन्नू के घर में पांच भाई बहन हैं. कमाने वाला कोई भी नहीं था. ऐसे में पिता थोड़ी सी जमीन पर किसी तरह खेती किसानी करके परिवार का खर्च चलाते थे. जब फसल कट जाती थी और खेत खाली हो जाते थे तो अन्नू चोरी से बांस या गन्ने से अभ्यास करती थी. अन्नू ने गरीबी को बहुत ही करीब से देखा है. बिना संसाधनों के भी अन्नू ने न सिर्फ सपने देखे, बल्कि उन सपनों को पूरा करने के लिए कठिन परिश्रम किया.

बता दें कि आज मेरठ की बेटी अन्नू रानी ने जेवलिन थ्रो में छठे स्थान से शुरुआत की. उसके बाद अन्नू ने 56.99 मीटर के थ्रो के साथ अपने स्कोर का खाता खोला. अन्नू रानी ने 61.28 मीटर की प्रभावशाली दूरी के साथ सबको चकित कर दिया. इससे वह सीधे लीडरबोर्ड के टॉप पर पहुंच गई थी. अन्नू का तीसरा थ्रो 59.24 मीटर रहा. बाद में उन्होंने 62.92 मीटर के शानदार थ्रो के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया. क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी ने बताया कि जिले की बेटियां जिले का ही नहीं अपितु पूरे देश का मान बढ़ा रही हैं. गौरतलब है कि आज अन्नू रानी ने एशियन गेम्स में भारत को 15वां स्वर्ण पदक दिलाया है.

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Last Updated : Oct 3, 2023, 10:04 PM IST

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