मेरठ:कृषि विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग के वैज्ञानिक इन दिनों किसानों को मछली पालन करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं. इतना ही नहीं वह किसानों को मछली का बीज भी उपलब्ध करा रहे हैं. कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों ने बताया कि मछली पालन करने वाले किसानों के लिए यह सही समय है. इस समय तालाब में मछली के बीज का संचय किया जा सकता है.
मेरठ: मछली पालन के लिए यह सही समय, वैज्ञानिकों ने दी किसानों को सलाह - मत्स्य विभाग
यूपी के मेरठ में इन दिनों किसानों को मछली पालन की ट्रेनिंग दी जा रही है. कृषि विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग के वैज्ञानिकों ने इस संदर्भ में बताया कि यह मछली पालन का सही समय है. वैज्ञानिकों ने बताया कि एक हेक्टेयर में एक साल में 5 हजार किलो मछली उत्पादन किया जा सकता है.
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मत्स्य विभाग के प्रोफेसर डॉ. डीबी सिंह ने बताया कि इस समय मछली उत्पादन करने के लिए सबसे अनुकूल समय है. किसानों को इस समय अपने तालाब को पूरी तरह से तैयार कर उसमें मछली के बीज का संचय करना चाहिए. यदि वह कहीं बाहर से बीज खरीद रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि तालाब में कम से कम 1 फिंगर लिंग साइज का ही बीज डालें.
यदि इस समय किसान किसी अच्छी जगह से गुणवत्ता युक्त बीज की खरीदारी कर तालाब में बीज का संचय करता है तो उसे इसका लाभ मिलेगा. एक हेक्टेयर में करीब 5 हजार फिंगर लिंग साइज का बीज डालना चाहिए. किसान मछली पालन कैसे करें इसकी ट्रेनिंग विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर दी जाती है. किसानों को व्हाट्सएप के जरिए भी मछली पालन की जानकारी और आधुनिक तकनीक के बारे में अवगत कराया जा रहा है. डॉ. डीबी सिंह का कहना है कि किसानों को मछली पालन करते समय आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए. ऐसा करने से उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होगा.