मेरठ: कोरोना संक्रमण की वजह से उत्तर प्रदेश में मेरठ समेत 18 जिलों के सभी कस्तूरबा विद्यालय बंद चल रहे हैं. करीब 49 दिन छात्राएं विद्यालय में नहीं आई, बावजूद इसके मेरठ के कस्तूरबा विद्यालय में छात्राओं के नाम पर लाखों रुपये हड़पने का मामला सामने आया है. कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में छात्राओं के खाने और मेंटिनेंस के नाम पर 26 लाख रुपये निकाले गए हैं, बल्कि पैसे शिक्षा विभाग के अधिकारियों और विद्यालय के वार्डन और प्रिंसिपल ने बंदरबांट कर लिया है. घोटाले का खुलासा हुआ तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. खुलासा होने के बाद विभागीय अधिकारी जहां मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कागजी खानापूर्ति कर रहे हैं. हालांकि शिक्षा निदेशक ने बीएसए से घोटाले को लेकर जवाब तलब किया है.
जानिए कैसे हुआ घोटाला
आपको बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर से पहले ही यूपी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को बंद कर दिया गया था. सभी छात्राएं 49 दिनों के लिए अपने घर चली गई थी, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कस्तूरबा गांधी विद्यालय के चीफ वार्डन एवं प्रिंसिपल ने खर्च के नाम पर मोटी रकम सरकारी खाते से निकाल ली. जबकि विद्यालयों में 11 फरवरी 2021 से 31 मार्च 2021 तक 49 दिन छात्राओं की उपस्थिति सरकार के प्रेरणा पोर्टल पर शून्य दर्शा रही हैं. लेकिन भोजन, मेडिकल केयर, स्टेशनरी और शिक्षण सामग्री के नाम पर बैंक खातों से 26 लाख रुपये खर्च होना बता रहा है. बिना छात्राओं के खातों से धनराशि निकाले जाने पर प्रदेश के महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक बेसिक शिक्षा अधिकारी से जवाब तलब किया है. जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. शिक्षा अधिकारी कागजी खानापूर्ति कर अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में जुट गए हैं.