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Published : Dec 16, 2019, 7:09 PM IST

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21 दिसंबर को बुनकरों ने मऊ बंद का किया एलान, बनाई आंदोलन की रणनीति

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में बुनकर समाज एक्शन कमेटी की तरफ से 21 दिसंबर को मऊ बंद का एलान किया गया है. इस दौरान जिले में सभी प्रकार की दुकानें और व्यवसाय बंद रहेंगे.

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बुनकरों ने मऊ बंद का किया एलान.

मऊ: जिले के नगर क्षेत्र के एक प्लाजा में बैठक कर मऊ बंद के दौरान धरना प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन की रणनीति बनाई गई. प्रदेश सरकार ने बुनकरों के फ्लैट रेट के पासबुक को समाप्त करने का आदेश जारी किया है, जिसके बाद में बुनकर समाज एक्शन कमेटी की तरफ से 21 दिसंबर को मऊ बंद का एलान किया है.

जानकारी देते बुनकर नेता अरशद जमाल.

बैठक में फैसला हुआ कि मऊ के अलावा जहानागंज, मुबारकपुर, बहादुरगंज, खैराबाद, मोहम्दाबाद, वलीदपुर भीरा, कोपागंज, घोसी, अदरी, कुर्थीफरपुर इत्यादि बुनकर बाहुल्य क्षेत्र में शनिवार को बंदी रहेगी. 21 दिसम्बर को सभी पॉवरलूम सहित दैनिक प्रयोग में काम आने वाली वस्तुओं की दुकानें बंद रहेंगी.

बुनकरों को संकट के बारे में दी जाएगी जानकारी
दुकानों और संस्थानों को बंद करने के लिये कोई कहने नहीं जाएगा, जो लोग भी अपने संस्थान को खोलेंगे उनके बारे में ये समझा जाएगा कि उनको बुनकरों से कोई हमदर्दी नहीं है. 21 दिसम्बर को सभी तहसीलों और जनपद मुख्यालय पर एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया जाएगा. जनसभा में नए शासनादेश के बाद बुनकरों के सामने आने वाले संकट को विस्तार से बताया जायेगा, ताकि लोगों में जागरूकता पैदा हो सके.

बुनकर नेताओं, व्यापारियों, राजनीतिक दलों के नेताओं के विचार के बाद प्रस्ताव पढ़कर सुनाया गया और बैठक में उपस्थित लोगों से पास कराया गया. सभी राजनीतिक दलों के एमपी और विधायकों को पत्रक भेजकर बुनकरों के सहयोग और समर्थन की अपील की गई. सभी राजनीतिक दलों से इस आंदोलन में भागीदारी सुनिश्चित करने की अपेक्षा भी की गई.

सीएम को सौंपा जाएगा सम्बोधित ज्ञापन
बुनकरों ने प्रस्ताव पारित किया कि बुनकरों की इस जटिल समस्या पर कोई भी दल अगर धरना, प्रदर्शन या कोई आंदोलन करता है तो सभी बुनकर बिना किसी भेद भाव के उसमें सम्मिलित होकर ताकत पहुंचायेंगे. इसके बाद 23 दिसम्बर को बुनकर समाज एक्शन कमेटी की तरफ से मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से दिया जाएगा.

अरशद जमाल ने रखी अपनी बात
आंदोलन के दूसरे चरण में हड़ताल के बाद बड़े पैमाने पर तहसीलों और कलेक्ट्रेट पर धरना दिया जाएगा. तीसरे चरण में गिरफ्तारी और चौथे चरण में जेल भरो आंदोलन आरम्भ होगा. पूर्व चेयरमैन और इस लड़ाई के अगुआ अरशद जमाल ने बैठक के शुरू होते ही 2006 के आदेश और 2019 के नए आदेश पर विस्तार से अपनी बात रखी.

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उन्होंने बताया कि नए आदेश के मुताबिक आगामी 1 जनवरी 2020 से यह नया नियम लागू हो जाएगा, इसलिए सब लोग अपना पासबुक का पिछला बकाया 31 दिसम्बर 2019 से पूर्व अवश्य जमा करा दें. बैठक की अध्यक्षता पूर्व सांसद सालिम अंसारी और संचालन मौलाना इकबाल मोहम्मदी ने की.

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