मऊ: पौराणिक नदी तमसा की स्थिति सुधरने की उम्मीद अब जग उठी है. जिले में निरीक्षण पर आई राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) की टीम ने नदी से तीन स्थानों से पानी के नमूने लिए हैं. साथ ही नदी में गिर रहे 13 नालों के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के लिए दो महीनों में डीपीआर भेजने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद जल्द ही इस प्रोजेक्ट में नमामि गंगे योजना से फंड दिया जाएगा.
टीम ने जिला अस्पताल का किया निरीक्षण
- उत्तर प्रदेश नदी एवं जल सरंक्षण निगरानी समिति और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मॉनिटरिंग कमेटी लखनऊ के अध्यक्ष जस्टिस देवी प्रसाद सिंह के साथ आई टीम ने सबसे पहले जिला अस्पताल का निरीक्षण किया.
- जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने निरीक्षण के दौरान अस्पताल में बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन ठीक न होने पर नाराजगी जताई और सीएमओ व सीएमएस को इस पर फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द मेडिकल वेस्ट प्रबंधन ठीक कराने का निर्देश दिया.
- उन्होंने प्रत्येक अस्पतालों से निकलने वाले कूड़े के लिए चार प्रकार के कूड़ेदान रखने के निर्देश भी दिए हैं.
- उन्होंने कहा कि जिले में स्थापित निजी अस्पतालों की जांच की जाए तथा मानक के विपरीत मिलने वाले अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाए.
- मीडिया से बात करते हुए जस्टिस देवी प्रसाद सिंह ने कहा कि जिला अस्पताल की स्थिति ठीक नहीं है और नियमों का भी पालन नहीं किया जा रहा है.
जानें, क्या बोले जस्टिस देवी प्रसाद सिंह
- जैव अपशिष्ट प्रबंधन के नियमों के अनुसार हर अस्पताल में कूड़े के प्रकार आधार पर पृथकीकरण होना चाहिए.
- खुले में डस्टबिन नहीं होनी चाहिए, लेकिन इसका पालन कहीं भी नहीं हो रहा है.
- कई अस्पतालों में कूड़े को जला दिया जाता है, जिससे भर्ती होने वाले मरीज भी बीमार होते हैं.
- सीएमओ ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इसे ठीक करा दिया जाएगा.
- नगर पालिका प्रशासन द्वारा बताया गया है कि चार जगह खुले में कूड़े को इकट्ठा किया जाता है, जिससे बरसात में भीगे हुए कचरे से जहरीले रसायन मिट्टी में जाकर जल को भी दूषित करेंगे.