मथुराःकोरोना संक्रमण के कारण एक ओर मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ मृतकों के अंतिम संस्कार में भी लापरवाही भी सामने आ रही है. लापरवाही का उदाहरण सदर बाजार थाना क्षेत्र में यमुना नदी के किनारे ध्रुव घाट पर दिखा. यहां कोरोना पॉजिटिव मृतक लोगों का अंतिम संस्कार करने के बाद मृतकों के कवर या पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) किट को नदी के किनारे इधर-उधर फेंका जा रहा है. पीपीई किट को आवारा जानवर नोंचते हुए नजर आ रहे हैं.
हर रोज अंतिम संस्कारकोरोना संक्रमण के चलते जिले में मरीजों की लगातार मौत हो रही हैं. मरीज का अंतिम संस्कार कराने के लिए यमुना नदी किनारे ध्रुव घाट पर व्यवस्थाएं की गई हैं. हर रोज तीन से चार शवों का अंतिम संस्कार यहां होता है.
और भयावह हो सकती है स्थितिनियम के अनुसार अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो जाने पर पीपीई किट पहनाकर शव को एंबुलेंस से यमुना नदी के किनारे लाया जाता है. यहां अंतिम संस्कार कराया जाता है. देखने में आया है कि शव के पीपीई किट को भी यमुना नदी के किनारे इधर-उधर फेंक दिया जाता है. घाट की बात करें तो आवारा जानवर पीपीई किट को नोचते नजर आते हैं. कई बार मृतकों के कवर या किट घाट पर इधर-उधर फेंके हुए नजर आते हैं.
24 घंटे में दो की मौतजिले में पिछले 24 घंटे में 454 मरीज कोरोना संक्रमित मिले हैं. वहीं अस्पताल में कोरोना संक्रमित दो मरीजों की मौत हो गई. इसी के साथ कोरोना संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 133 हो गया है.
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सीएमओ ने आरोपों को नकारा
जब इस पूरे प्रकरण को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी रचना गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कोरोना पॉजिटिव मरीज का अंतिम संस्कार कराया जाता है, तभी डॉक्टरों द्वारा मौके पर ही पीपीई किट को नष्ट करा दिया जाता है.
उठ रहे सवाल
अब सवाल उठता है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी तो कवर या किट को नष्ट करने की बात कह रही हैं, लेकिन ध्रुव घाट पर तमाम किट इधर-उधर फेंके नजर आ रहे हैं. अगर मेडिकल स्टाफ इन्हें नष्ट करता है तो फेंके हुए किट किसके हैं. इस घाट पर और तो कोई अंतिम संस्कार करने आ नहीं रहा.