मथुरा: फागुन का महीना शुरू होते ही ब्रज में रंगों की खुशबू आनी शुरू हो जाती है. ब्रज के मंदिरों में होली खेलने के लिए फैक्ट्री में गुलाल और रंग बनना शुरू हो चुका है. जनपद में बना हुआ रंग और गुलाल आसपास के प्रांतों में भी भारी मात्रा में सप्लाई किया जाता है. इन्हीं गुलाल के रंगों से ब्रज के मंदिरों में 40 दिनों तक होली खेली जाती है. कारीगर भारी मात्रा में रंग और गुलाल तैयार करने में जुटे हैं.
मथुरा: फैक्ट्री में होली का गुलाल बनना शुरू
उत्तर प्रदेश के मथुरा में फागुन महीना शुरू होते ही ब्रज में होली के रंगों की महक शुरू हो गई है. कारीगर रंग और गुलाल बनाने में लग गए हैं. यह गुलाल कई जगहों पर भेजा जाता है.
ब्रज में शुरू हुआ रंग बनाने का काम
ब्रज के मंदिरों में 40 दिनों तक होली का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. देश ही नहीं विदेशों से लाखों श्रद्धालु, पर्यटक होली का नजारा देखने और खेलने के लिए मथुरा वृंदावन पहुंचते हैं. हाईवे थाना क्षेत्र आगरा-दिल्ली राजमार्ग पर फैक्ट्रियों में कारीगर भारी मात्रा में रंग और गुलाल तैयार करने में जुटे हैं. मथुरा का बना हुआ रंग और गुलाल राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और पूरे यूपी में सप्लाई किया जाता है.
फैक्ट्री सुपरवाइजर शैलेंद्र चतुर्वेदी ने बताया होली के दिन नजदीक आते-आते गुलाल और रंगों की डिमांड बढ़ जाती है. कारीगर अरारोट के पाउडर से रंग गुलाल बना रहे हैं. मथुरा का बना हुआ रंग गुलाल ब्रज के मंदिरों में सप्लाई किया जाता है. लोगों की डिमांड पर आसपास के राज्यों गुलाल और रंगों की बिक्री खूब होती है. गुलाल तैयार करने में आठ कारीगर लगाए जाते हैं और चार दिनों में गुलाल तैयार हो जाता है.
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