मथुरा:श्रीकृष्ण जन्मस्थान के दर्शन करके वृंदावन स्थित चिंतामणि कुंज पहुंचे अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत नरेंद्र गिरि महाराज का संतों ने स्वागत किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान जाकर हृदय द्रवित हो गया. श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास बनी मस्जिद का हटना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमारे मंदिर को चार बार तोड़ा गया है. आततायी मुगलों का एक ही काम था कि मंदिर-मठों को तोड़कर मस्जिद और ईदगाह बना दिया जाए.
जानकारी देते अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष. महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि मुक्त हो गई. अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि से भी उस कलंक को मिटाना है, जिसके ऊपर गुंबद बना हुआ है. वह किसी भी तरह से चाहे न्यायालय द्वारा, संतों के द्वारा या फिर आम सहमति से. उसे तोड़ना बिल्कुल उचित होगा. तोड़ना भी चाहिए.
महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि, आजाद भारत में जो मुस्लिम रह रहे हैं, उनसे मेरा आग्रह है कि वे आततायी मुगलों का समर्थन न करें. हमारे साथ आएं. उसे तोड़ने में हमारा सहयोग करें. उन्होंने युवा, संत और विहिप आदि से आग्रह करते हुए कहा कि सभी को साथ लेकर विशाल आंदोलन चलाया जाए.
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महंत नरेंद्र गिरि महाराज ने कहा कि आज हमने देखा कि श्रीकृष्ण जन्मस्थान में जो हमारे मंदिर की नींव बनी हुई, उसके पत्थरों को तोड़कर मस्जिद बना लिया गया. जैसे राम जन्मभूमि का कलंक तोड़ा गया है अब वैसे ही श्रीकृष्ण जन्मभूमि का भी कलंक तोड़ा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि, वृंदावन में हरिद्वार कुंभ से पहले वैष्णव संप्रदाय के महात्मा और संतों की बैठक की जो परंपराए हैं, उनका पालन किया जाएगा. इससे हटकर कोई काम नहीं किया जाएगा. इस मौके पर चिंतामणि कुंज में नरेंद्र गिरि जी महाराज का स्वागत सम्मान महंत डॉ. आदित्य नंद महाराज के सानिध्य में हुआ.