मथुरा:पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मृत्यु के पूरा देश स्तब्ध हैं. उनमें से ही एक हैं सुदेवी दासी, जो लगभग 40 वर्षों से भारत में रहकर गायों की सेवा कर रही हैं. जर्मनी की महिला फ्रेडरिक इरैना ब्रुनिंग उर्फ सुदेवी दासी ने गोवर्धन में अपना पूरा जीवन असहाय और बीमार गोवंश की सेवा में अर्पित करने का फैसला लिया है.
सुदेवी के वीजा की अवधि 25 जून 2019 को समाप्त हो रही थी. वे इसे बढ़वाने के लिए काफी प्रयास कर रही थीं, इसके बावजूद उनकी वीजा की अवधि नहीं बढ़ पा रही थी. कानूनी पेचीदगी के चलते उनका वीजा विस्तार आवेदन निरस्त कर दिया गया था. उस समय उन्होंने परेशान होकर पद्मश्री लौटाने की बात कह दी थी. तब तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ही उनकी मदद की थी और उनकी वीजा अवधि को बढ़वाया था. सुदेवी स्टूडेंट वीजा पर है, जिसकी अवधि हर साल बढ़वानी पड़ती है.