मथुरा: प्रदेश में डेंगू और मलेरिया का कहर जारी है. डेंगू से मरने वाले लोगों के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं तो वहीं रहस्यमयी बुखार से जिले में अब तक 16 बच्चों की मौत हो चुकी है. इसका कारण मथुरा प्रशासन डेंगू बता रहा है. इन समस्याओं से निपटने के लिए प्रशासन अब मछली का सहारा ले रहा है,जिसका नाम है गंबूसिया मछली.
गंबूसिया मछली को कहीं भी किसी भी प्रकार के तालाब, गड्ढे, नाली या गटर में डाल सकते हैं. यहां यह आराम से पनप सकती है और मच्छरों के लार्वा को चटकर जाती है. गंबूसिया मछली का मुख्य भोजन मच्छरों का लार्वा बताया जाता है. खास बात ये है कि यह मछलियां अंडे नहीं देतीं, बल्कि बच्चे देती हैं. यह मछली 24 घंटे में 100 से 300 लार्वा खा सकती है. गंबूसिया मछली को विकसित होने में 3 से 6 महीने का वक्त लगता है.
अब मछली बचाएगी डेंगू और मलेरिया से, जानें कैसे
मथुरा प्रशासन डेंगू की समस्याओं से निपटने के लिए गंबूसिया मछली का सहारा ले रहा है. गंबूसिया मछली की खासियत है कि यह पानी में पनपने वाले मच्छरों के लार्वा को खा जाती है, जिससे मच्छर पनप नहीं पाते. इन मछलियों को तालाबों और गड्ढों में डाला जा रहा है.
गंबूसिया मछली से डेंगू को मात
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जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि जनपद बदायूं से 50 हजार मछलियां मंगाई गई हैं. सभी ब्लॉक में यह वितरित की गई है और जो गांव प्रभावित हैं उन गांव के तालाबों में इन मछलियों को छोड़ा जा रहा है.