मथुरा: मांट थाना क्षेत्र के अंतर्गत टोल प्लाजा के नजदीक 16 जून को 19 वर्षीय एक युवती और उसकी मां को कोरोना संदिग्ध समझकर रोडवेज बस से नीचे उतार दिया गया, जिसके चलते युवती की कुछ समय बाद ही मौत हो गई थी. वहीं अब इस मामले में दिल्ली महिला आयोग द्वारा मथुरा पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. नोटिस में पूछा गया है कि अब तक इस मामले में दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है? साथ ही अगर कार्रवाई नहीं की गई है तो इसके पीछे क्या कारण है?
दरअसल, दिल्ली के मंडावली के रहने वाले सुशील यादव निजी कंपनी में सुरक्षा गार्ड का काम करते हैं, जबकि उनका बेटा विपिन वहां टैक्सी चलाता है. 16 जून को विपिन ने दिल्ली से अपनी मां और बहन को रोडवेज बस से शिकोहाबाद के लिए बैठाया था. वह और उनकी पत्नी दीप्ति मोटरसाइकिल पर सवार होकर बस के पीछे-पीछे आ रहे थे. जैसे ही बस मांट थाना क्षेत्र के अंतर्गत टोल प्लाजा के नजदीक पहुंची तो हंसिका की अचानक से तबीयत खराब हो गई.
बस में बैठे हुए लोगों द्वारा हंसिका को कोरोना संदिग्ध बताकर आपत्ति जताई गई. लोगों की आपत्ति के बाद कंडक्टर और बस चालक द्वारा जबरन हंसिका और उसकी मां को बस से नीचे उतार दिया गया, जिसके बाद युवती की मौत हो गई.