मथुरा:जिले में गोवर्धन थाना क्षेत्र के अंतर्गत डीएवी कॉलेज के नजदीक के रहने वाले भोले के 12 वर्षीय पुत्र लक्ष्मण का 20 जून 2020 को संदिग्ध परिस्थितियों में अपहरण हो गया था. इसके बाद परिजनों ने गोवर्धन थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ पुत्र के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था. इसके बाद से ही पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी. वहीं पुलिस ने छानबीन में पाया कि साधु संतोष कुमार ने अपने बुढ़ापे का सहारा बनाने के लिए लक्ष्मण का अपहरण किया था, जिसके बाद पुलिस ने साधु को मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार कर लिया और बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया.
मथुरा: साधु ने बुढ़ापे के सहारे के लिए बच्चे का किया अपहरण
यूपी के मथुरा में पुलिस ने एक अपहरण मामले का खुलासा करते हुए एक साधु को गिरफ्तार किया है. वहीं पुलिस ने छानबीन में पाया कि साधु ने अपने बुढ़ापे का सहारा बनाने के लिए बच्चे का अपहरण किया था.
50 वर्षीय साधु संतोष कुमार ने बच्चे को अपने बुढ़ापे का सहारा बनाने के लिए मौका पाकर अपहरण कर लिया और अपने साथ ले गया. इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर मुखबिर की सूचना पर साधु को धर दबोचा. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा गौरव ग्रोवर ने बताया कि जनपद मथुरा के थाना गोवर्धन क्षेत्र में 20 जून 2020 को 12 वर्षीय लक्ष्मण के अपहरण से संबंधित थाने पर परिजनों द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया था. तभी एक स्पेशल टीम बच्चे की बरामदगी के लिए एसपीआरए और क्षेत्र अधिकारी गोवर्धन की अध्यक्षता में लगाई गई थी. शनिवार को बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया गया है.
बच्चे को परिजनों को सुपुर्द किया गया
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मथुरा गौरव ग्रोवर ने बताया कि बच्चे का अपहरण करने वाले संतोष कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. संतोष कुमार साधु वेश में उस क्षेत्र में घूमता रहता था. पहले साधु ने बालक के परिजनों से परिचय किया और घर पर आना-जाना शुरू किया. फिर एक दिन मौका पाकर बच्चे को बहला-फुसलाकर साधु अपने साथ ले गया. साधु को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. बच्चे को सकुशल उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है.
अभियुक्त ने बताया
मुखबिर की सूचना पर हथकोली गांव थाना बलदेव क्षेत्र से साधु को गिरफ्तार किया गया है. 50 वर्षीय साधु संतोष कुमार ने बुढ़ापे का सहारा बनाने के लिए लक्ष्मण का अपहरण कर लिया था. पुलिस पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मैं एक साधु के रूप में घूमता रहता था. घूमने के दौरान ही बच्चे और उसके परिवार से परिचय हो गया. 19 जून 2020 को मैं बच्चे को लेकर चला गया. मैं बच्चे को साधु बनाना चाहता था, जिससे यह मेरी सेवा कर सके. इसलिए मैंने उसका अपहरण किया था.