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'जन विश्वास यात्रा' के दौरान अनशन पर बैठे युवाओं को जबरन उठाने की कोशिश, पुलिस से हुई नोक झोंक

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Published : Dec 21, 2021, 5:46 PM IST

महोबा जिला मुख्यालय के आल्हा चौक में पिछले 18 दिन से स्वास्थ्य सेवाओं की मांग लेकर अनशन पर बैठे युवाओं को बीजेपी की 'जन विश्वास यात्रा' आने पर पुलिस द्वारा जबरन उठाने का प्रयास किया गया. इस दौरान अनशन पर बैठे युवाओं और पुलिस में तीखी झड़प हुई.

'जन विश्वास यात्रा'
'जन विश्वास यात्रा'

महोबा :यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) को लेकर बीजेपी 'जन विश्वास यात्रा' के माध्यम से एक बार फिर जनता में विश्वास जगाने के लिए मैदान में है. महोबा में सूबे के कृषि राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत 'जन विश्वास यात्रा' लेकर शहर में भ्रमण को निकले. इस दौरान उनके रास्ते पर स्वास्थ सेवाओं की मांग को लेकर अनशन पर बैठे युवाओं को पुलिस ने हटाने का प्रयास किया. जिसके बाद अनशन कारियों में खासा आक्रोश और नाराजगी देखने को मिली है.

दरअसल, महोबा के आल्हा चौक चौराहे से 'जन विश्वास यात्रा' यात्रा गुजारनी थी. किसी प्रकार की कोई गड़बड़ी न हो, इसके मद्देनजर सीओ सिटी रामप्रवेश राय पुलिस बल के साथ अनशन कारियों को हटाने पहुंच गए. आरोप है कि इस दौरान एसडीएम सदर ने अनशनकारियों के साथ धक्का-मुक्की कर दी. साथ ही पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमे लिखे जाने की धमकी दी गई. जिसके बाद अनशन कारी युवा आक्रोशित हो गए और पुलिस प्रशासन पर जायज मांगों के बावजूद भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया.

'जन विश्वास यात्रा' के दौरान हंगामा.

बता दें, पिछले 18 दिनों से अपनी मांगों को लेकर सत्यमेव जयते युवा सोच संगठन के बैनर तले युवा अनशन पर बैठे हैं. युवाओं का कहना था कि उन्हें जानकारी मिली कि सूबे के मंत्री, सांसद, विधायक 'जन विश्वास यात्रा' लेकर आ रहे हैं. इस दौरान वो सभी महोबा में मेडिकल कॉलेज सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाओं की मांगों को लेकर ज्ञापन देना चाहते थे. लेकिन उनका कहना है कि इस सरकार में लोकतंत्र नहीं बचा है. यही वजह है कि पुलिस प्रशासन ने उनके अनशन स्थल को छावनी में बदल दिया. उनके माइक आदि के तार काट दिए गए.

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युवाओं का कहना था, हमारी मांगों की आवाज को एसडीएम सदर और पुलिस द्वारा दबाने का काम किया गया. यहीं नहीं, युवाओं के वाहनों के चालान भी पुलिस ने काट दिए है. पुलिस पर सभी अनशन कारियों को धमकाने का भी आरोप लग रहा है. इनका आरोप है कि पुलिस द्वारा मोबाइल छीनकर उनकी फेसबुक आईडी बंद कर दी गई है, ताकि वो अपनी मांगों को आम जनता के बीच ना उठा सकें. युवाओं का आरोप है कि पुलिस द्वारा उनके ऊपर फर्जी मुकदमे लिखे जाने की धमकी दी गई है.

इस मामले को लेकर जब जन विश्वास यात्रा लेकर जा रहे सूबे के कृषि राज्यमंत्री से पत्रकारों ने पूछा तो, उन्होंने कहा कि यदि अनशनकारी युवाओं के साथ अभद्रता हुई है, तो इस मामले में कार्रवाई होगी.

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