महाराजगंज: जनपद के निचलौल तहसील के कोठीभार थाना क्षेत्र के गांव मोजरी में खलिहान की जमीन पर अवैध रूप से बनाए जा रहे मकान निर्माण को ढहाने गई प्रशासन और पुलिस की टीम पर ग्रामीणों ने ईंट पत्थरों से हमला बोल दिया. ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए एसडीएम को मौके से अपनी गाड़ी लेकर निकलना पड़ा. गांव में काफी देर चले इस हंगामें के बाद मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, जिसके बाद मामला शांत हो पाया है.
निचलौल तहसील क्षेत्र के मोजरी गांव में खलिहान की जमीन पर अवैध निर्माण को लेकर कुछ लोगों ने एसडीएम से शिकायत की थी. बीते 3 दिन पहले एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर निर्माण कार्य को रुकवा दिया था. लेकिन अवैध कब्जाधारियों ने रविवार की रात भारी संख्या में मजदूर और कारीगर लगाकर अवैध कब्जे पर छत लगा दी. जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे एसडीएम ने जेसीबी मशीन बुलाकर अवैध कब्जे को तोड़वा दिया, जिसके बाद अवैध कब्जाधारियों सहित कुछ ग्रामीणों ने पुलिस एवं प्रशासन की टीम पर ईंट पत्थरों से हमला बोल दिया.
एसडीएम प्रमोद कुमार का कहना है कि भू माफियाओं द्वारा खलिहान की जमीन पर अवैध निर्माण कराया जा रहा था. तीन दिन पहले निर्माण को तोड़वा दिया गया था. इस मामले में एक ही व्यक्ति का चालान कर जेल भी भेजा गया था. लेकिन उसके बावजूद भू माफियाओं द्वारा रातों-रात निर्माण कार्य कराकर छत लगा दी गई थी, जिसे फिर से तुड़वाया गया है. कुछ ग्रामीणों द्वारा उनकी गाड़ी पर एक पत्थर चलाए गए, जिसमें कोई भी हताहत नहीं हुआ है.
इससे पहले महराजगंज जिले के श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र के माधवपुर गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम पर अतिक्रमणकारियों ने लाठी डंडों से हमला कर दिया था. इस दौरान कानूनगो सहित करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए. उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परतावल में भर्ती कराया गया था.
वहीं एक और मामले में महराजगंज के सदर कोतवाली क्षेत्र के धरमपुर गांव में हाईकोर्ट के आदेश पर छवर की भूमि से अतिक्रमण हटाने गई राजस्व और पुलिस टीम पर जम कर ईंट पत्थर चले थे. ग्रामीणों ने बिना नोटिस अतिक्रमण हटाने का आरोप लगाकर टीम पर हमला बोल दिया था. मकान तोड़ने गई जेसीबी को भी ग्रामीणों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था. ग्रामीणों का उग्र तेवर देख कर टीम के सदस्य भाग खड़े हुए थे. पथराव की सूचना मिलते ही कुछ ही देर में पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. मौके पर एएसपी, जॉइंट मजिस्ट्रेट व पांच थानों की पुलिस ने लोगों को शांत कराया था.