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महराजगंज में गठबंधन को मिला भाजपा के पुराने सहयोगी दल का साथ - सपा-बसपा गठबंधन

लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान बाकी है. इन चरणों के लिए राजनीतिक दल अपने समीकरण बैठाने में लगे हैं. इसके लिए दूसरे दलों का भी सहारा लिया जा रहा है. पूर्वी यूपी में भी भाजपा के पुराने सहयोगी और महागठबंधन के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं.

महाराजगंज में सुभासपा ने दिया गठबंधन प्रत्याशी को समर्थन

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Published : May 5, 2019, 8:31 PM IST

महराजगंज : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने हाल ही में अपनी पुरानी सहयोगी भाजपा का साथ छोड़ दिया था. इसके बाद से ही इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि सुभासपा महागठबंधन खेमे में जा सकती है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की ओर से लगातार ऐसे संकेत भी मिल रहे थे. रविवार को सुभासपा ने महाराजगंज से गठबंधन प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा की है.

महाराजगंज में सुभासपा ने दिया गठबंधन प्रत्याशी को समर्थन

भाजपा ने हमारी मांग के अनुरुप सीट देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर जी ने भाजपा से अलग होने का फैसला किया. इस राजनीतिक उठापटक के बीच हमने राज्य की 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए. भाजपा को हराने के लिए हमने महागठबंधन प्रत्याशी को समर्थन देने का फैसला किया है.

- डॉ. संतोष पांडे, राष्ट्रीय महासचिव (सुभासपा)

ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और भाजपा साल 2017 के विधानसभा चुनाव में साथ आई थीं. इस गठजोड़ के बाद सुभासपा ने पहली बार यूपी विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी और पार्टी के तीन विधायक चुने गए थे. पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री का ओहदा भी दिया गया था. लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे में भाजपा ने पार्टी को सिर्फ घोसी सीट ही देने की पेशकश की थी, जबकि सुभासपा 12 सीटों की मांग कर रही थी. इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई और दोनों दलों का गठबंधन टूट गया था.

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